सार
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आप पार्टी (AAP) अब एमसीडी पर भी परचम लहराने की तैयारी में हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी एमसीडी में पिछले 15 साल से काबिज बीजेपी को हराने की दिशा में आगे बढ़ रही है। लेकिन हम बात यहां चुनाव की नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल के निजी जिंदगी के बारे में करेंगे। उनकी लव स्टोरी को बताएंगे जो फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
रिलेशनशिप डेस्क. दिल्ली की जनता का दिल जीतने सीएम अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) अपनी पत्नी सुनीता को बेहद प्यार करते हैं। ऐसा हो भी क्यों ना, सुनीता भी उनकी जिंदगी में हर फैसले में मजबूती में उनके साथ खड़ी रही है। उनके कारण ही अरविंद केजरीवाल यहां तक पहुंचे हैं। आईआरएस की नौकरी छोड़कर उन्होंने जो भी काम किया उसमें उनकी पत्नी ने बड़ी भूमिका निभाई। आज भी उनकी प्रेम कहानी नौजवानों को प्रेरणा देने का काम करती है। तो आइए बताते हैं उनकी लव स्टोरी।
बीजेपी को दिल्ली में मात देने वाले अरविंद केजरीवाल की सुनीता से मुलाकात भारतीय राजस्व सेवा की परीक्षा पास करने के बाद ट्रेनिंग के दौरान हुई। नागपुर स्थिति राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में दोनों पहली बार मिले। दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। दोस्ती के बाद दोनों का कनेक्शन बदलने लगा। रोजाना घंटों के एक दूसरे के साथ गुजारने लगे। मन में सुनीता के लिए एहसास होने के बाद भी वो उन्हें प्रपोज करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।
काफी हिम्मत जुटाकर केजरीवाल ने बताई थी दिल की बात
हालांकि प्यार का अंकुर दोनों तरफ पनप रहा था। लेकिन इजहार नहीं हो पा रहा था। कई महीने तक दोनों अपनी फीलिंग्स को दबाकर रखे रहें। अरविंद केजरीवाल कई इंटरव्यू में अपनी प्रेम कहानी का जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन अकादमी में मैंने उनके (सुनीता) के दरवाजे पर दस्तक दी और प्रपोज कर दिया। प्यार तो सुनीता भी करती थीं, लेकिन केजरीवाल जी को नहीं पता था कि वो आराम से हां बोल देंगी। लेकिन जैसे ही उन्होंने प्रपोज किया सामने से हां में आनंसर आया।
साल 1994 में केजरीवाल और सुनीता हुए थे एक दूजे के
साफ और नेक दिल के अरविंद केजरीवाल से सुनीता काफी प्रभावित थी। उनके सपनों का राजकुमार भी बिल्कुल वैसा ही था। वो हमेशा से चाहती थी कि उनका पति ईमानदार और देश सेवा को तव्वजो देने वाला हो। ट्रेनिंग के दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा। फैमिली की मंजूरी के बाद अगस्त, 1994 में दोनों की सगाई हो गई। इसके दो महीने बाद नवंबर 1994 में आईआरएस के प्रशिक्षण के दौरान दोनों विवाह बंधन में बंध गए। शादी के एक साल बाद सुनीता मां बनीं। उन्होंने बेटी हर्षिता को जन्म दिया। इसके बाद साल 2001 में पुलकित पैदा हुए।
जीत के बाद सुनीता को लगाया गले
अरविंद केजरीवाल सुनीता को आज भी उतना ही चाहते हैं। उनकी योगदान को वो नहीं भूलें। उन्हीं की वजह से वो आईआरएस की नौकरी छोड़कर समाजसेवा के काम में निकले। घर से बेफ्रिक होकर राजनीति की। दिल्ली के विधानसभा चुनाव के दौरान पत्नी के प्रति उनका प्रेम छलक पड़ा था। वो उन्हें बड़ी आत्मीयता से उन्हें गले लगा लिया था। उन्होंने कहा कि अगर वो नहीं होती तो मेरे लिए कुछ भी हासिल करना संभव नहीं होता।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिल गया है। खबर लिखे जाने तक आप ने 250 सीटों में से 131 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी हैं।
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