सार

पार्टनर की भावनाओं पर चोट पहुंचाना बहुत ही बुरा होता है। अक्सर कुछ लोग अपना दबदबा दिखाने के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन इमोशनल एब्यूज किसी भी रिश्ते को दीमक की तरह चाट जाता है। 
 

रिलेशनशिप डेस्क। पार्टनर की भावनाओं पर चोट पहुंचाना बहुत ही बुरा होता है। अक्सर कुछ लोग अपना दबदबा दिखाने के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन इमोशनल एब्यूज किसी भी रिश्ते को दीमक की तरह चाट जाता है। कई लोग पार्टनर को कड़वी बातें कह कर अपने मन की भड़ास निकालते हैं। इसे वर्बल एब्यूज कहा जाता है। यहां बात बस लड़ाई-झगड़े तक सीमित रह कर फिर खत्म हो जाती है। लेकिन इमोशनल एब्यूज किसी के मन पर बहुत गहराई तक असर डालता है। इसका शिकार व्यक्ति मन ही मन हमेशा परेशान रहता है। जरूरी नहीं कि इमोशनल एब्यूज मेल पार्टनर ही करे, कई औरतें भी पुरुषों का तरह-तरह से मानसिक उत्पीड़न करती हैं। इसके लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। 

भावनाओं पर चोट पहुंचाना
हर इंसान इतना तो जानता है कि कौन-सी बातें कहने पर उसका पार्टनर भावनात्मक रूप से आहत महसूस करेगा। वह जानबूझ कर ऐसा व्यवहार करता है कि उसका पार्टनर परेशान हो जाए। सवाल है, ऐसा करने के पीछे वजह क्या होती है? कुछ मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा करने वाले लोग सैडिस्टिक नेचर के होते हैं। दूसरों को तकलीफ पहुंचाने में उन्हें मजा आता है। वहीं, कुछ लोग नहीं चाहते हुए भी अपने पार्टनर की उन कमजोरियों पर चोट कर देते हैं, जिससे वह तकलीफ महसूस करने लगता है। किसी न किसी तरह की कमजोरी हर इंसान में होती है। पॉजिटिव नेचर के लोग बुराइयों की तब तक चर्चा नहीं करते, जब तक उनसे सीधा कोई नुकसान नहीं हो। अक्सर वे सकारात्मक पहलुओं को सामने लाते हैं। लेकिन सैडिस्टिक नेचर के लोग जानबूझ कर किसी की भावनाओं पर चोट पहुंचाते हैं।

बेवजह पार्टनर का मजाक उड़ाना
ऐसा देखने को मिलता है कि कुछ लोग बेवजह अपने पार्टनर का मौके-बेमौके मजाक उड़ाते हैं। उसकी किसी खामी को उजागर करना उनकी आदत हो जाती है। कई लोग तो रूप-रंग पर कमेंट कर भी मजाक उड़ाने की कोशिश करते हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे लोगों में कहीं न कहीं हीन भावना जड़ जमाए रहती है और पार्टनर का मजाक उड़ा कर वे अपने ईगो को संतुष्ट करते हैं। 

पार्टनर पर नियंत्रण रखना
इमोशनल एब्यूज की एक वजह पार्टनर को अपने नियंत्रण में रखने की इच्छा भी होती है। ऐसे लोग पार्टनर के साथ समानता का व्यवहार नहीं करते हैं। वे खुद को कहीं ज्यादा अहमियत देते हैं। वे चाहते हैं कि पार्टनर हर समय उनकी लल्लो-चप्पो में लगा रहे। ऐसे लोगों की मानसिकता प्रभुत्व जमाने वाली होती है। ऐसे लोग अपनी फैमिली के लोगों के साथ-साथ दोस्तों के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं करते। इसका परिणाम यह होता है कि ये धीरे-धीरे सबसे कट जाते हैं। एक पार्टनर के रूप में ऐसे लोग बेहद घटिया साबित होते हैं।