सार
बीच सड़क पर लाल सूटकेस में मिली जवान लड़की की डेड बॉडी ने पुलिस के होश उड़ा दिए थे। 72 घंटे से लाश की शिनाख्त में जुटी पुलिस ने जब इस मर्डर मिस्ट्री का सच सामने रखा तो लोग हैरान रह गए।
रिलेशनशिप डेस्क.18 नवंबर को मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर लाल रंग का एक ट्रॉली बैग लावारिस पड़ा मिला था। जब सूटकेस खोला गया तो उसमें से 21 साल की एक जवान लड़की की लाश निकली। उसके बाद से ही मथुरा पुलिस दिन-रात इस केस को सुलझाने में जुटी थी। डेड बॉडी की तस्वीर और वीडियो तमाम न्यूज़ चैनलों पर दिखाए जाने और अखबारों में खबर छपने के बावजूद कोई भी शव की शिनाख्त करने के लिए सामने नहीं आया। ऐसे में पुलिस की चुनौती कई गुना बढ़ गई थी। लेकिन आखिरकार लाल सूटकेस वाला सस्पेंस खत्म हो गया और सच सामने आ गया।
दिल्ली में मर्डर, मथुरा में बॉडी
दरअसल लाल रंग के सूटकेस में जिस युवती का शव मिला वह दिल्ली के बदरपुर इलाके में रहती थी। लड़की का नाम था आयुषी यादव जो दिल्ली के एक कॉलेज में बीसीए की छात्रा थी। मूल रूप से आयुषी का परिवार गोरखपुर का रहने वाला है। आयुषी के पिता नितेश यादव इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे। 17 नवंबर की सुबह आयुषी अपने घर से निकली लेकिन वापस नहीं लौटी। पुलिस के मुताबिक इस हत्या के पीछे लव स्टोरी का ऐंगल है। दावा है कि आयुषी के घरवालों ने दिल्ली में उसका कत्ल किया और फिर उसका शव कार में ले जाकर मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर फेंक दिया। शव ठिकाने लगाने के बाद घर वाले चुपचाप दिल्ली लौट गए। लेकिन कत्ल के सुराग ढूंढती हुई पुलिस दिल्ली में कातिलों के ठिकाने तक पहुंच गई।
बेटी की मोहब्बत की सजा मौत
बताया जा रहा है कि आयुषी को एक लड़के से प्यार हो गया था। उसने मां-बाप को बिना बताए उस शख्स से शादी भी रचा ली। पुलिस के मुताबिक आयुषी के घरवाले शुरू से ही इस रिश्ते के खिलाफ थे लेकिन वह नहीं मानी। जब घरवालों को बेटी के गुपचुप तरीके से शादी करने का सच पता चला तो वे गुस्से से पागल हो गए। पिता नितेश और मां ब्रजबाला पर आरोप है कि दोनों ने 17 नवंबर की सुबह करीब 11 बजे आयुषी को मौत के घाट उतार दिया था। उसके बाद मथुरा जाकर उसकी लाश फेंक आए।
बाप ने बेटी के सीने में मारी गोली
पुलिस की पूछताछ में आयुषी के मां-बाप ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आयुषि के पिता नितेश ने उसके साने में दो गोलियां मारी। इस दौरान मां ब्रजबाला भी मौके पर ही मौजूद थी। हत्या के बाद आयुषी के शव को करीब 18 घंटे तक उन्होंने घर में ही रखा। पूरी रात इंतजार करने के बाद सुबह करीब 5 बजे नितेश और ब्रजबाला ने आयुषी के शव को ट्रॉली बैग में डाला। फिर दोनों कार से मथुरा के लिए निकले। कार पिता नितेश चला रहा था जबकि मां पीछे की सीट पर ट्रॉली बैग के साथ बैठी थी। दिल्ली-आगरा हाइवे से दोनों आरोपी मथुरा पहुंचे और राया थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे पर ट्रॉली बैग फेंककर एक्सप्रेस-वे से ही वापस लौट गए।
आयुषी के छोटे भाई ने खोला राज
तीन दिन तक शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस जब आयुषी की तस्वीर लेकर उसके घर पहुंची तो मां-बाप ने पहचानने से इनकार कर दिया। लेकिन आयुषी के छोटे भाई आयुष ने बहन की तस्वीर पहचान ली। उसके बाद पुलिस आयुषी के माता-पिता और भाई को लेकर मथुरा पहुंची। पिता को राया थाना में ही रोक लिया गया और मां, भाई को लेकर पुलिस मोर्चरी पहुंची जहां शव को रखा गया था। वहां दोनों ने आयुषी का शव पहचान लिया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलेंगे बड़े राज
आयुषी के शव की पहचान तो हो गई। कत्ल की वजह और कातिल भी पकड़े जा चुके हैं। लेकिन केस से जुड़े कई पहलू ऐसे हैं जिनके लिए पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। सोमवार को डॉक्टरों के एक पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम के वक्त वीडियोग्राफी भी कराई गई। ऐसा माना जा रहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ और चौंकाने वाले सच सामने आ सकते हैं।
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