आज हम आपको एक ऐसी जनजाति और उसके अजीब रिवाज के बारे में बताते हैं, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। यहां 6 साल की उम्र में ही बच्चियों को सेक्स करने की आजादी दी जाती है, जबकि लड़कों के लिए ऐसा नहीं है।
रिलेशनशिप डेस्क : हमारे समाज में लड़के-लड़कियों को 18 साल की उम्र के बाद बालिग होने का दर्जा दिया जाता है। इस उम्र के बाद ही वह कानूनी रूप से शारीरिक संबंध बना सकते हैं या इससे जुड़ी चीजें देख सकते हैं। लेकिन एक जगह ऐसी है जहां पर 6 साल की कच्ची उम्र में ही लड़कियों को सेक्स करने की इजाजत दे दी जाती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इस जनजाति के बारे में जहां पर बच्चियों को ना सिर्फ सेक्स करने की आजादी होती है, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि लड़कों को कैसे अपनी और आकर्षित करना है।
यहां लड़कियों को है संबंध बनाने की आजादी
दुनिया में कई ऐसी जनजातियां है, जहां पर अजीबोगरीब परंपरा निभाई जाती है। इन्हीं में से एक है पापुआ न्यू गिनी की ट्रोब्रिएंडर्स जनजाति, जहां पर मासूम बच्चों को बचपन से ही सेक्स करना सिखा दिया जाता है। यहां लड़कियों को 6-8 साल की कच्ची उम्र से ही इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त होने की आजादी दे दी जाती है। इतना ही नहीं उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि लड़कों को कैसे रिझाना है। इसके लिए लड़की-लड़के तरह-तरह की आवाज निकालते हैं और उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए राजी करते हैं।
एक साथ खाना नहीं खा सकते लड़के और लड़की
ट्रोब्रिएंडर्स जाति में छोटी बच्चों को सेक्स करने की आजादी दे दी जाती है, लेकिन यहां पर लड़का और लड़की एक साथ बैठकर खाना भी नहीं खा सकते है। आज भी यहां पर इस नियम का पालन किया जाता है। इतना ही नहीं लड़कियों को तो 6-8 साल से ही सेक्स करने की आजादी होती है, लेकिन लड़कों के लिए यह उम्र आज भी 10 से 12 साल है। हालांकि, यह कोई पहली जनजाति नहीं है जहां पर इतनी कम उम्र में बच्चों को सेक्स एजुकेशन दे दी जाती है। दुनियाभर में ऐसे कई रीति रिवाज है जहां पर छोटी उम्र से ही बच्चों को इस तरह की चीजें सिखा दी जाती हैं। मंगाईया द्वीप में तो बूढ़ी औरतें खुद 12-13 साल के लड़कों के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं ताकि उन्हें सेक्स एजुकेशन दी जा सके।
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