सार

आज के समय में करीब-करीब हर इंसान तनाव की समस्या से जूझ रहा है। स्ट्रेस का हमारी मानसिकता पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे दूसरी तरह की मानसिक समस्याएं भी हो जाती हैं। इसका रिलेशनशिप पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ता है।

रिलेशनशिप डेस्क। आज के समय में करीब-करीब हर इंसान तनाव की समस्या से जूझ रहा है। स्ट्रेस का हमारी मानसिकता पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे दूसरी तरह की मानसिक समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। इसका रिलेशनशिप पर सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ता है। कई बार तो रिलेशनशिप टूट जाने की नौबत भी आ जाती है। अगर पार्टनर किसी मानसिक समस्या से परेशान है तो उसे समझना और उसकी केयर करना जरूरी होता है। लेकिन पेशेन्स और संवेदनशीलता की कमी की वजह से आम तौर पर ऐसा हो नहीं पाता। स्ट्रेस की समस्या से जूझ रहे इंसान को अगर पार्टनर का सहारा और भरोसा मिले तो वह राहत महसूस करता है। लेकिन इसकी जगह उपेक्षा मिलने पर उसकी समस्या और भी गंभीर हो जाती है। स्ट्रेस जब बढ़ता है तो डिप्रेशन में बदल जाता है। इसके अलावा कुछ ऐसी भी मानसिक समस्याएं होती हैं, जो बचपन या किशोरावस्था की बुरी यादों से जुड़ी होती हैं। इनकी वजह से भी रिलेशनशिप में दिक्कत आती है। इससे बचने के लिए कुछ खास बातों पर ध्यान रखना चाहिए।

1. पार्टनर के व्यवहार को समझें
सबसे पहले पार्टनर के व्यवहार को समझने की कोशिश करें। अगर वह तनाव और चिंता की समस्या से जूझ रहा हो तो उससे बातचीत कर समस्या की वजह जानने की कोशिश करें। अगर वह अपनी बातें आपसे साझा करता है तो समझने की कोशिश करें कि इस समस्या का निदान संभव है या नहीं। अगर संभव है तो पार्टनर के साथ पूरा सहयोग करें और अपना व्यवहार संवेदनशील बनाए रखें।

2. बेसिर-पैर की बातें तो नहीं बोलता
कुछ मानसिक बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनमें लोगों को कई तरह के वहम होने लगते हैं और वे बेसिर-पैर की बातें बोलने लगते हैं। जो इन बातों को सुनता है, उसका दिमाग चकरा जाता है, क्योंकि उन बातों के पीछे कोई लॉजिक नहीं होता। ऐसी स्थिति में धैर्य रखें और पार्टनर को मनोचिकित्सक से दिखाने की कोशिश करें। 

3. काम में नहीं रहती रुचि
अगर पार्टनर की काम करने में रुचि कम हो रही हो, वह ऑफिस जाने से कतराता हो और घर पर भी ज्यादा मूवमेंट नहीं करता तो यह भी मानसिक समस्या का संकेत है। आम तौर पर डिप्रेशन में ऐसे लक्षण सामने आते हैं। ऐसी स्थिति पैदा होने पर पार्टनर पर गुस्सा कभी नहीं करें। बातचीत कर कोशिश करें कि उसका सेल्फ कॉन्फिडेंस लौटे। अगर यह समस्या कम नहीं हो पा रही हो तो मनोचिकित्सक से मिलना ही एकमात्र उपाय रह जाता है।

4. ठीक से खाना नहीं खाता
मानसिक दिक्कतें होने पर कभी भूख नहीं लगती तो कई बार बहुत ज्यादा भूख लगती है। दोनों ही स्थिति में इंसान ठीक से खाना नहीं खा पाता, जिसका असर धीरे-धीरे उसके शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगता है। शरीर कमजोर होने से मानसिक समस्या और भी बढ़ती है। कोशिश करें कि पार्टनर ढंग से खा-पी सके। ज्यादा खा नहीं पाता हो तो जूस और दूध पीने को जरूर दें। इससे ताकत बनी रहेगी।

5. यौन संबंध बनाने में रुचि नहीं
अक्सर मानसिक समस्याओं के शिकार लोग यौन संबंध बनाने में रुचि नहीं लेते। इससे बचने के लिए वे कई तरह के बहाने करने लगते हैं। अगर ऐसा अक्सर होता हो तो समझ जाएं कि पार्टनर किसी मानसिक बीमारी का शिकार हो रहा है। ऐसी स्थिति में पार्टनर को मनोचिकित्सक से दिखलाएं। मेडिसिन और काउंसलिंग से यह समस्या कुछ समय में दूर हो जाती है। 

6. अकेला नहीं छोड़ें
आपका पार्टनर किसी मानसिक समस्या से जूझ रहा हो तो उसे अकेला नहीं छोड़ें। जहां तक संभव हो, साथ रहें और उसे भरोसा देते रहें। इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि अकेला छोड़ देने से उसकी समस्या और भी बढ़ जाएगी और आपसे बेहतर उसकी देखभाल दूसरा कर नहीं सकता।