सार
ऐसा माना जाता है कि महिलाएं अक्सर बॉयफ्रेंड या किसी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद पछतावे की भावना से भर जाती है, क्योंकि उनके रिलेशनशिप को फैमिली या सोसाइटी से मान्यता नहीं मिली होती है। लेकिन एक रिसर्च से पता चला है कि अगर संबंध बनाने की पहल महिलाएं ही करती हैं तो उन्हें पछतावा नहीं होता।
रिलेशनशिप डेस्क। ऐसा माना जाता है कि महिलाएं अक्सर बॉयफ्रेंड या किसी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद पछतावे की भावना से भर जाती हैं, क्योंकि उनके रिलेशनशिप को फैमिली या सोसाइटी से मान्यता नहीं मिली होती है। लेकिन एक रिसर्च से पता चला है कि अगर संबंध बनाने की पहल महिलाएं ही करती हैं तो उन्हें पछतावा नहीं होता। नॉर्वे की यूनिवर्सिटी और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास द्वारा की गई एक स्टडी से पता चला कि संबंध बनाने के लिए पहल जब महिलाओं की ओर से की गई थी और संबंध बनाने के बाद वे संतुष्ट थीं तो उन्हें किसी तरह का कोई पछतावा या दुख नहीं हुआ। वहीं, पहले हुई एक स्टडी में पाया गया था कि अचानक और अस्थाई तौर पर बनने वाले संबंधों के बाद औरतों को काफी पछतावा होता है, लेकिन पुरुषों में ऐसी कोई फीलिंग नहीं होती।
महिलाओं की इच्छा का खास मायने
यह रिसर्च स्टडी नॉर्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास द्वारा साल 2018 में की गई। इसमें नार्वे के 547 और अमेरिका के 216 स्टूडेंट्स को शामिल किया गया, जिनमें किसी की भी उम्र 30 वर्ष से ज्यादा नहीं थी। इस स्टडी से यह जाहिर हुआ कि संबंधों में महिलाओं की इच्छा खास मायने रखती है। मुख्य शोधकर्ताओं में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रोफेसर डेविड बज का कहना था कि इस स्टडी से यह पता चला कि संबंध बनाने के लिए अगर महिला पहल करती है तो उसके दिमाग में सकारात्मक भावना होती है। दूसरी बात है, महिला का संबंध बनाने के लिए खुल कर इच्छा व्यक्त करना। अगर वह खुल कर इच्छा व्यक्त करती है तो इससे पता चलता है कि वह किसी तरह के दबाव में नहीं है। ऐसे में, उसमें संबंध बनाने के बाद अफसोस या पछतावा नहीं होता।
दबाव में अपराध-बोध से भर जाती हैं महिलाएं
टेक्सास यूनिवर्सिटी के ही प्रोफेसर जॉय पी वॉकॉफ का कहना था कि कुछ महिलाएं जो किसी न किसी दबाव में संबंध बनाती हैं तो बाद में उनमें अपराध-बोध या पछतावे की भावना जरूर आती है, जो पुरुषों में नहीं होती। अगर महिलाएं संबंध बनाने के बाद अफसोस महसूस करने लगती हैं तो इससे साफ जाहिर होता है कि वे नैतिक दबाव महसूस कर रही हैं।
रजामंदी है जरूरी
इस स्टडी से यही निष्कर्ष सामने आया कि संबंध बनाने के लिए महिलाओं को खुद को तैयार करना पड़ता है। ऐसा वह आसानी से नहीं कर पातीं। उनके मन में इसे लेकर कई तरह की फीलिंग्स होती हैं। इसमें मुख्य बात पार्टनर पर उनके भरोसे की होती है। शोध में पाया गया कि ज्यादातर महिलाएं संबंध बनाने के बाद पछतावा इसलिए भी महसूस करती हैं कि उन्हें पार्टनर पर भरोसा नहीं होता, लेकिन परिस्थितियों के दबाव में उन्हें संबंध बनाने को मजबूर होना पड़ता है। वहीं, अगर वे रजामंद होती हैं और उनकी पहल पर संबंध बनते हैं तो उनके अंदर किसी तरह का अपराध-बोध नहीं होता। ऐसे संबंधों से महिलाएं संतुष्ट महसूस करती हैं।