सार

आजकल पति और पत्नी, दोनों नौकरी करने लगे हैं। ज्यादातर कपल्स कामकाजी हैं। देखा गया है कि अक्सर पुरुष किसी भी क्षेत्र में खुद से ज्यादा आगे बढ़ गई अपनी पत्नियों के प्रति एक तरह का ईर्ष्या भाव रखने लगते हैं। 

लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल पति और पत्नी, दोनों नौकरी करने लगे हैं। ज्यादातर कपल्स कामकाजी हैं। देखा गया है कि अक्सर पुरुष किसी भी क्षेत्र में खुद से ज्यादा आगे बढ़ गई अपनी पत्नियों के प्रति एक तरह का ईर्ष्या भाव रखने लगते हैं। पुरुष प्रधान समाज में औरतें अगर अपने पतियों से आगे बढ़ जाती हैं, तो पतियों में एक तरह का असुरक्षा का भाव पैदा होना स्वाभाविक ही है। अभी हाल ही में एक रिसर्च से पता चला है कि वैसे पति अपने आप को इनसिक्योर महसूस करने लगते हैं, जिनकी पत्नियों की कमाई उनसे ज्यादा होती है। यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ में हुई। इसमें रिसर्चर्स ने यह पाया कि वैसे पति जो पूरी तरह फाइनेंशियल मामलों में अपनी पत्नियों पर निर्भर थे, अपनी स्थिति को लेकर सबसे ज्यादा तनाव में थे। इस स्टडी से यह पता चला कि पुरुषों की कमाई को लेकर परंपरा से चले आ रहे विचार कि वे ही मुख्य रूप से कमाई करते हैं और पत्नियों के मुकाबले उनकी इनकम ज्यादा होनी चाहिए, पुरुषों के हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। इस स्टडी की ऑथर डॉक्टर जोआना सिरडा ने एक प्रेस रिलीज में यह बात कही। 

1. 6000 मैरिड कपल को किया गया शामिल
इस रिसर्च में अमेरिका के 6000 मैरिड कपल को शामिल किया गया। यह स्टडी लगातार 15 वर्षों तक की गई। स्टडी से पता चला कि अगर पत्नियों की इनकम घर की पूरी इनकम के 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो पति चिंतित होने लगते हैं। रिसर्च से पता चला कि अगर पत्नियां अपने पतियों की आर्थिक मदद करती हैं, तो वे ज्यादा चिंतित नहीं होते। लेकिन जैसे ही पत्नियों की इनकम पतियों से बढ़ जाती है, वे खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं।

2. क्या हैं इसके परिणाम
डॉक्टर सिरडा का कहना है कि इस रिसर्च स्टडी से पता चला कि अगर पत्नियां पतियों से ज्यादा पैसे कमाने लगती हैं तो इसका पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव बहु आयामी है। यह वैवाहिक जीवन में संतुष्टि, एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशन, तलाक आदि से भी जुड़ जाता है। यह परंपरागत सोच है कि पुरुष ही परिवार को चलाता है, लेकिन जब एक औरत पैसे के मामले में ज्यादा ताकतवर हो जाती है तो परिवार और समाज में पुरुष की स्थिति को एक तरह की चुनौती मिलती है और इससे वह मानसिक स्तर पर तकलीफ महसूस करने लगता है। अगर वह पूरी तरह अपनी पत्नी पर निर्भर रहता है तो उसकी मानसिक स्थिति और भी खराब होने लगती है।

3. क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
रिलेशनसिप एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब परिस्थितियां बहुत तेजी से बदल रही हैं और नौकरियों में औरतों की भागीदारी बढ़ने के साथ इस क्षेत्र में पुरुषों के एकाधिकार को चुनौती मिलने लगी है। अब परिवार में पुरुष के प्रभुत्व को पूरी तरह नहीं माना जा रहा है। भारत में भी सामाजिक बदलाव तेजी से होने से ऐसी स्थितियां बन रही हैं। इससे कई तरह के तनाव पैदा हो रहे हैं। लेकिन अब महिलाएं भी घर की देखभाल करने और सिर्फ बच्चे पालने वाली बन कर नहीं रह सकतीं। रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का मानना है कि शिक्षित महिलाओं की भूमिका तेजी से बदल रही है। उनकी कमााई ज्यादा होने पर पुरुषों का इनसिक्योर फील करना स्वाभाविक है, पर कई पुरुष परिस्थितियों से तालमेल बैठाने की कोशिश करते हैं और सकारात्मक रवैया अपनाते हैं, बशर्ते उनके अहम पर चोट नहीं पहुंचाई जाए।