सार

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) एक मानसिक बीमारी है , जिसमें आप अपने मन से खराब विचारों को हटा नहीं पाते हैं। एक ही चीज बार-बार दिमाग में घूमता है और आप उसके बीच फंसते चले जाते हैं।

रिलेशनशिप डेस्क.  27 साल की एक महिला साफ-सफाई को लेकर इतनी ऑब्सेस्ड है कि उसे लगता है कि सेक्स करने के बाद उसका बिस्तर गंदा हो जाता है। इसलिए संबंध बनाने के तुरंत बाद कपड़े धोने लगती है। बेडशीट के साथ-साथ वो पार्टनर और खुद के कपड़े धोती है यहां तक की बच्चों के कपड़ों को भी नहीं छोड़ती। यह कहानी मध्य प्रदेश के भोपाल में रहने वाली एक महिला की है। इतना ही नहीं कपड़े धोने से बचने के लिए कपल बाथरूम में शारीरिक संबंध बनाते हैं। लेकिन पत्नी की इस आदत की वजह से पति की संबंध बनाने की  इच्छा धीरे-धीरे कम होने लगी। यहां तक की पति साइकोलॉजिकल सेक्सुअल डिस्फंक्शन का शिकार हो गया। अब उसका भी इलाज चल रहा है।

दरअसल, महिला को ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) है। जिसकी वजह से वो संबंध बनाने के बाद कपड़े धोने लगती है। मनोचिकित्सक की मानें तो यह गंभीर बीमारी है। इस बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। इसमें इंसान खराब ख्याल, चित्र, आशंका को अपने मन से हटा नहीं पाते हैं। वो बार-बार ख्याल में आता है। एक तरह से आप अपने ही विचारों में फंस जाते हैं। 

बार-बार मन में ख्याल आना

एक दो उदाहरण से इस बीमारी के बारे में और साफ हो जाएगा। स्वीच ऑफ करने के बाद भी बार-बार ख्याल आना की उसे बंद किया है कि नहीं। फिर उसे बार-बार देखने जाना। हाथ साफ होने के बाद भी मन में बार-बार विचार आना कि हाथ में गंदगी लगी है और फिर उसे धोने जाते हैं। अगर हाथ नहीं धोते हैं तो  एंग्जायटी होने लगती है। इसे दूर करने के लिए आप बार-बार हाथ धोने लगते हैं।  इस स्थिति को एंग्जायटी अटैक कहते हैं और यही ओसीडी का कारण बनता है। 

ओसीडी कैसे पहचानें

ओसीडी कई तरह की हो सकती है। जैसे गंदगी से डर लगना, विपरीत लिंग के प्रति अश्लील विचार आना, देवी-देवताओं के प्रति गंदे विचार आना,  एक ही चीज को देखते रहना आदि चीजें करना शुरू कर देते हैं। इससे अलग अनिद्रा की समस्या हो जाना, डिप्रेशन, एंग्जाइटी आदि के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। 

ओसीडी कैसे होता

ओसीडी किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन अगर मुख्य कारणों की बात करें तो यदि आप किसी ट्रॉमा के शिकार हो गए हैं या फिजिकल एब्यूज का शिकार हुए हैं तब यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा आपको डिप्रेशन की समस्या है या घर में किसी व्यक्ति को यह पहले से प्रॉब्लम्स है तो ये आपको हो सकता है। यह जैनेटिक भी हो सकती है।

ओसीडी का इलाज

ओसीडी का पूरा इलाज नहीं है। लेकिन इसे कंट्रोल में किया जा सकता है।  जब शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन की कमी हो जाती है तब यह समस्या हो सकती है।ऐसे में डॉक्टर सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाने की दवाई दे सकते हैं। इसके अलावा ओसीडी की समस्या को दूर करने के लिए बिहेवियर थेरेपी और टॉक थेरेपी दी जा सकती है। 

और पढ़ें:

29 साल में आलिया भट्ट तो 39 में गुल पनाग हुई थी प्रेग्नेंट, जानें मां बनने की सबसे सही उम्र क्या है

अचानक कम होने लगे वजन तो हो जाए सतर्क, हो सकते हैं ये 3 खतरनाक बीमारी के संकेत