सार
Basant Panchami 2025: हर साल माघ मास में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है।
Devi Saraswati Aarti Lyrics In Hindi: इस बार तिथि के समय में अंतर आने बसंत पंचमी का पर्व दो दिन 2 व 3 फरवरी को मनाया जाएगा। मान्यता है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पचंमी तिथि पर ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस तिथि पर हर वर्ष इनकी विशेष पूजा की जाती है। पूजा के बाद देवी सरस्तवी की आरती भी की जाती है। आगे जानिए बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की आरती कैसे करें…
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कैसे करें देवी सरस्वती की आरती? (Kaise Kare Devi Saraswati Ki Arti)
- हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की आरती की एक खास विधि है। उसी के अनुसार आरती उतारनी चाहिए।
- विद्वानों के अनुसार, किसी भी देवी-देवता की आरती कुल 14 बार एक विशेष विधि से उतारनी चाहिए।
- सबसे पहले 4 बार पर चरणों से, 2 बार नाभि से, 1 बार मुख से और 7 बार पूरे शरीर से आरती उतारनी चाहिए।
- इसी विधि से बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की भी आरती करें। इससे देवी सरस्वती की कृपा हमारे ऊपर बनी रहेगी।
देवी सरस्वती की आरती (Devi Saraswati Ki Aarti)
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।। जय सरस्वती...।।
चंद्रवदनि पद्मासिनी, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी।। जय सरस्वती...।।
बाएँ कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला।। जय सरस्वती...।।
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया।। जय सरस्वती...।।
विद्या ज्ञान प्रदायिनि ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो।। जय सरस्वती...।।
धूप दीप फल मेवा, मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो।।।। जय सरस्वती...।।
मां सरस्वती जी की आरती, जो कोई नर गावे।
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे।। जय सरस्वती...।।
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