सार

Karwa Chauth 2023: हर साल महिलाएं कार्तिक मास में करवा चौथ का व्रत करती है। इस व्रत का महिलाओं को खास तौर पर इंतजार रहता है। मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा व्रत करने से उनकी पति की उम्र बढ़ती है।

 

Karwa Chauth 2023 Traditions: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 1 नवंबर, बुधवार को है। करवा चौथ पर्व से कईं परंपराएं जुड़ी हैं, जैसे इस पर्व में करवे में पानी भरकर उसकी पूजा करते हैं और फिर उसी पानी को पीकर महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं। इस व्रत में करवा इतना महत्वपूर्ण क्यों है? आगे जानिए क्या कहते हैं विद्वान…

क्या होता है करवा? (Kya Hota Hai Karwa)
करवा मिट्टी से बना एक बर्तन होता है जो एक छोटे से मटके के समान दिखाई देता है। हालांकि मटके की अपेक्षा इसका आकार काफी छोटा होता है। बदलते समय के साथ लोग अब धातु के बने करवे का उपयोग भी करने लगे हैं। हालांकि सनातन धर्म के अनुसार मिट्टी से बना करवा ही इस व्रत के लिए श्रेष्ठ होता है।

मिट्टी का करवा ही क्यों श्रेष्ठ?
मिट्टी से बना करवा पंच तत्व का प्रतीक है, मिट्टी को पानी में गला कर बनाते हैं जो भूमि तत्व और जल तत्व का प्रतीक है, उसे बनाकर धूप और हवा से सुखाया जाता है जो आकाश तत्व और वायु तत्व के प्रतीक हैं फिर आग में तपाकर बनाया जाता है। इस तरह करवे में पंच तत्वों का समावेश माना जाता है।

करवे की पूजा क्यों?
सनातन धर्म में पानी को ही परब्रह्म माना गया है, क्योंकि जल ही सब जीवों की उत्पत्ति का केंद्र है। जब पानी को करवे में भरकर रखा जाता है तो ऐसा मानते हैं कि इसमें पंच तत्वों के साथ-साथ साक्षात ईश्वर का वास हो गया है। इसलिए करवा चौथ पर पानी से भरा करवा पूजा स्थान पर रखा जाता है।

क्यों इसी का पानी पीकर व्रत पूर्ण करती हैं महिलाएं?
करवा चौथ पर जब चंद्रमा उदय होता है तो सबसे पहले उसकी पूजा करते हैं और करवे के पानी से अर्ध्य दिया जाता है। बाद में पति के हाथों से इसी करवे का पानी पीकर महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं। इस परंपरा के पीछे जो मनोवैज्ञानिक सोच है, वो ये है कि पति पत्नी अपने रिश्ते में पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करते हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।