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Mahakaal temple Ujjain: महाकाल मंदिर में कौन-सा खास ‘यज्ञ’ होगा, जिसमें गाय-बकरी के दूध से दी जाएगी आहुति?
Mahakaal temple Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में विशेष यज्ञ की तैयारियां चल रही है। इस यज्ञ के लिए 70 फीट लंबी यज्ञशाला का निर्माण किया जा रहा है। यज्ञ में बड़-बड़े विद्वानजन शामिल होंगे।
| Published : May 02 2024, 03:44 PM IST / Updated: May 02 2024, 04:00 PM IST
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12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा है महाकालेश्वर
Mahakaal temple Ujjain Facts: उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। ये 12 ज्योतिर्लिंगों में तीसरा है। प्रतिदिन यहां लाखों लोग दर्शन करने आते हैं। महाकाल मंदिर में यहां आए दिन धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम होते रहते हैं। ऐसा ही एक धार्मिक अनुष्ठान जिसका नाम सौमिक है, 4 से 9 मई तक यहां आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आगे जानिए क्यों किया जा रहा है सौमिक अनुष्ठान और इससे जुड़ी खास बातें…
क्यों किया जा रहा है सौमिक अनुष्ठान?
महाकाल मंदिर समिति के अनुसार अच्छी बारिश के लिए सौमिक अनुष्ठान का आयोजन यहां किया जा रहा है। ग्रंथों के अनुसार वैशाख मास में सौमिक अनुष्ठान करने से पर्याप्त बारिश होती है। इस अनुष्ठान के लिए मंदिर परिसर में जल स्तंभ के पास करीब 70 फीट लंबी यज्ञशाला का निर्माण किया गया है। अनुष्ठान में महाराष्ट्र योगीराज वेदविद्या आश्रम के विद्वानजन शामिल होंगे।
यज्ञ में दी जाएंगी खास आहुतियां
योगीराज वेदविद्या आश्रम वार्सी के अनंत उज्जैनकर ने बताया कि सौमिक अनुष्ठान को सोमयज्ञ भी कहा जाता है। सोमयज्ञ को यज्ञों का राजा भी कहा जाता है। इस यज्ञ में दी जाने वाली आहुतियां भी बहुत खास होती हैं। यज्ञ के दौरान विभिन्न प्रकार की औषधियों के साथ-साथ गाय और बकरी के दूध की आहुति भी दी जाएगी। गाय और बकरी को यज्ञ स्थल पर रखा जाएगा।
12 मीटर तक उठती है अग्नि
उज्जैनकर जी के अनुसार, सोम यज्ञ में दी जाने वाली खास आहुतियों के कारण इसमें से अग्रि करीब 12 मीटर तक ऊपर उठती है। इसीलिए यज्ञशाला को खुला रखते हुए अधिक उंचाई दी गई है। सोमयज्ञ के लिए कईं खास तरह के वेदियों का निर्माण यहां किया गया है। इस यज्ञ को संप्नन करवाने के लिए 16 विद्वान ब्राह्मण महाराष्ट्र के योगीराज वेदविद्या आश्रम आसरवाड़ी से आएंगे।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।