सार
Chaitra Navratri 2025 Day 3: चैत्र नवरात्रि में तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस बार 1 अप्रैल, मंगलवार को देवी के इसी रूप की पूजा की जाएगी। देवी चंद्रघंटा से जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में बताई गई है।
Chaitra Navratri 2025 Day 3: चैत्र नवरात्रि का पर्व इस बार 30 मार्च, रविवार से शुरू हो चुका है। इस नवरात्रि के तीसरे दिन यानी 1 अप्रैल, मंगलवार को देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। देवी का ये रूप सभी का कल्याण करने वाला माना गया है। देवी के इस रूप की पूजा करने से सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। आगे जानिए देवी चंद्रघंटा की पूजा विधि, आरती और मंत्र की डिटेल…
चैत्र नवरात्रि 1 अप्रैल 2025 शुभ मुहूर्त
- सुबह 09:26 से 10:58 तक
- दोपहर 12:30 से 02:02 तक
- दोपहर 12:06 से 12:55 (अभिजीत मुहूर्त)
- दोपहर 03:34 से 05:06 तक
कैसा है देवी चंद्रघंटा का रूप?
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्रयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
अर्थ- मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। इनके शरीर का रंग सोने जैसा है। इनके दस हाथों में शस्त्र हैं। इनका वाहन शेर है। इनकी मुद्रा हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने जैसी है।
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और मंत्र
1 अप्रैल, मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद घर में किसी साफ स्थान पर देवी चंद्रघंटा की तस्वीर या चित्र एक बाजोट (लकड़ी के पटिए) पर स्थापित करें। देवी को कुमकुम से तिलक करें, फूल, चावल, अबीर, गुलाल, रोली, मेहंदी, हल्दी आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं और आरती करें। देवी चंद्रघंटा की कथा भी सुनें।
मां चंद्रघंटा की आरती (Goddess Chandraghanta Aarti)
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे काम।।
चंद्र समान तू शीतल दाती। चंद्र तेज किरणों में समाती।।
क्रोध को शांत बनाने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली।।
मन की मालक मन भाती हो। चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।।
सुंदर भाव को लाने वाली। हर संकट मे बचाने वाली।।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये। श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय।।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं। सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।।
शीश झुका कहे मन की बाता। पूर्ण आस करो जगदाता।।
कांची पुर स्थान तुम्हारा। करनाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटू महारानी। भक्त की रक्षा करो भवानी।।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।