सार

Sambit Patra Remark On Lord Jagannath: भारतीय जनता पार्टी के नेता संबित पात्रा भगवान जगन्नाथ पर दिए अपने बयान के चलते विवादों में फंस गए हैं। सोशल मीडिया पर भी उन्हें लगातार ट्रोल किया जा रहा है।

 

Rare Jagannath Temple Facts: भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार नेता संबिता पात्रा ने उड़िया न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में भगवान जगन्नाथ को प्रधानमंत्री मोदी का भक्त बता दिया। इसके बाद वे लोगों को निशाने पर आ गए। अन्य पार्टियों ने उनके इस बयान की निंदा की है। हालांकि पात्रा ने अपने इस बयान पर माफी मांग ली है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया जा रहा है। पात्रा जहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, वहां भगवान जगन्नाथ का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। जानें जगन्नाथ मंदिर से जुड़े 5 रहस्य…

आज भी अधूरी है भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा
वैसे तो हर मंदिर में आपको भगवान की पूर्ण प्रतिमा देखने को मिलेगी, लेकिन भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा अपूर्ण यानी थोड़ा आड़ी-टेढ़ी दिखाई देती है। इसके पीछे की कथा ये है कि जब भगवान विश्वकर्मा बढ़ाई के रूप में भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा बना रहे थे तो उस समय पुरी के राजा वहां आए गए। ये देख भगवान विश्वकर्मा भगवान जगन्नाथ की अधूरी प्रतिमा छोड़कर वहां से चले गए। बाद में राजा ने इसी अपूर्ण स्वरूप में भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा की स्थापना की।

कितने साल में बदली जाती है भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा?
आमतौर पर भगवान की कोई भी प्रतिमा कभी बदली नहीं जाती, लेकिन भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा 10 से 12 सालों में बदल दी जाती है यानी पुरानी प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है और नई प्रतिमा बनाकर स्थापित कर दी जाती है। ऐसा तब होता है जब आषाढ़ मास का अधिक मास आता है। ये स्थिति हर 10 से 12 साल में एक बार बनती है। इस परंपरा को नव कलेवर कहते हैं।

भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा में धड़कता है जिंदा दिल
जब भी भगवान जगन्नाथ की नई प्रतिमा स्थापित की जाती है तो पुरानी प्रतिमा में से एक खास चीज निकालकर नई में डाल दी जाती है। मान्यता है कि ये भगवान श्रीकृष्ण का ह्रदय है जो आज भी धड़क रहा है। इसे ब्रह्म पदार्थ भी कहते हैं। इसे आज तक किसी ने देखा नहीं है। पुजारी भी ये काम आंखों पर पट्टी बांधकर करते हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी रसोई यहां
भगवान जगन्नाथ के मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है। यहां रोज हजारों लोगों के लिए खाना बनता है। यहां एक के ऊपर एक 7 मटकी रखकर उसमें चावल पकाया जाता है। खास बात ये है कि सबसे ऊपर वाली मटकी में रखा चावल सबसे पहले पकता है और नीचे वाली मटकी का बाद में। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की रसोई का काम स्वयं देवी लक्ष्मी संभालती हैं।


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