सार

Narasimha Jayanti 2024: आज (21 मई, मंगलवार) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन नृसिंह जयंती का पर्व मनाया जाता है। इसे नृसिंह चतुर्दशी भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान नृसिंह प्रकट हुए थे।

 

Narasimha Jayanti 2024 Upay: धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ही भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लिया था। इस बार ये पर्व 21 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा विशेष रूप से की जाती है। पुराणों में भगवान नृसिंह को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति आदि का वर्णन मिलता है। श्री लक्ष्मी नृसिंह सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र भी इनमें से एक है। कहते हैं कि इस स्तोत्र का विधि-विधान से पाठ किया जाए तो कर्ज से मुक्ति मिलती है। आगे जानिए कैसे करें इस स्त्रोत का पाठ…

श्री लक्ष्मी नृसिंह सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र।
देवकार्य सिध्यर्थं सभस्तंभं समुद् भवम ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
लक्ष्म्यालिन्गितं वामांगं, भक्ताम्ना वरदायकं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
अन्त्रांलादरं शंखं, गदाचक्रयुध धरम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
स्मरणात् सर्व पापघ्नं वरदं मनोवाञ्छितं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
सिहंनादेनाहतं, दारिद्र्यं बंद मोचनं ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
प्रल्हाद वरदं श्रीशं, धनः कोषः परिपुर्तये ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
क्रूरग्रह पीडा नाशं, कुरुते मंगलं शुभम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
वेदवेदांगं यद्न्येशं, रुद्र ब्रम्हादि वंदितम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
व्याधी दुखं परिहारं, समूल शत्रु निखं दनम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
विद्या विजय दायकं, पुत्र पोत्रादि वर्धनम् ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
भुक्ति मुक्ति प्रदायकं, सर्व सिद्धिकर नृणां ।
श्री नृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥
उर्ग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तम् सर्वतोमुखं ।
नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्य मृत्युं नमाम्यहम॥
य: पठेत् इंद् नित्यं संकट मुक्तये ।
अरुणि विजयी नित्यं, धनं शीघ्रं माप्नुयात् ॥
॥ श्री शंकराचार्य विरचित सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र संपूर्णं ॥

इस विधि से करें श्री लक्ष्मी नृसिंह सर्वसिद्धिकर ऋणमोचन स्तोत्र
- 21 मई, मंगलवार यानी नृसिंह चतुर्दशी की शाम को घर में किसी साफ स्थान पर भगवान नृसिंह की प्रतिमा स्थापित करें।
- विधि-विधान से भगवान नृसिंह की पूजा करें और उसी स्थान पर बैठकर ऊपर बताए गए इस स्त्रोत का पाठ करें।
- ध्यान रहे कि पाठ करते समय दीपक जलते रहना चाहिए। पाठ पूरा होने के बाद नृसिंह भगवान की आरती करें।
- भगवान नृसिंह से प्रार्थना करें कि कर्ज जल्दी से चुकता हो जाए। इस स्त्रोत की रचना स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने की है।


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