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भक्तों के लिए खुले केदारनाथ के कपाट, हिंदी नहीं तो किस भाषा में होती हैं यहां पूजा?

Kedarnath Temple Facts: उत्तराखंड के चार धामों में से केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल, मंगलवार की सुबह भक्तों के लिए खोल दिए गए। इस मौके पर मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया। विपरीत मौसम के बाद भी बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे। 

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Manish Meharele
Published : Apr 25 2023, 09:32 AM IST| Updated : Apr 25 2023, 02:07 PM IST
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कैप्शन 25 अप्रैल की सुबह भक्तों के लिए खोले गए केदारनाथ के कपाट, चित्र उसी अवसर का
Image Credit : PTI

कैप्शन- 25 अप्रैल की सुबह भक्तों के लिए खोले गए केदारनाथ के कपाट, चित्र उसी अवसर का

जानें केदारनाथ मंदिर से जुड़ी खास बातें...
हर साल अक्षय तृतीया के बाद उत्तराखंड में स्थित चार धामों की यात्रा आयोजित की जाती है। इन चार धामों में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल है। 25 अप्रैल, मंगलवार की सुबह केदारनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले गए। (Kedarnath Temple Facts) सबसे पहले पूजा मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने की। इस मौके पर मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया। उल्लेखनीय है कि केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिगों में से भी एक है। आगे जानिए इस मंदिर से जुड़ी खास बातें…

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कैप्शन: मंदिर के कपाट खोलने से पहले इसे 20 क्विटंल फूलों से सजाया गया
Image Credit : PTI

कैप्शन: मंदिर के कपाट खोलने से पहले इसे 20 क्विटंल फूलों से सजाया गया

पांडवों ने करवाया था निर्माण
केदारनाथ मंदिर से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। मान्यता के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण द्वापरयुग में पांडवों ने करवाया था। बाद में आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। ये मंदिर उत्तराखंड के चार धामों के साथ-साथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है।

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कैप्शन: उखी मठ से बाबा केदारनाथ को डोली में बैठाकर लाया गया, चित्र उसी अवसर का
Image Credit : PTI

कैप्शन: उखी मठ से बाबा केदारनाथ को डोली में बैठाकर लाया गया, चित्र उसी अवसर का

कन्नड़ भाषा में होते हैं अनुष्ठान
केदारनाथ मंदिर से जुड़ी एक खास बात ये भी है कि यहां सभी धार्मिक अनुष्ठान कन्नड़ भाषा में करवाए जाते हैं। इसके कारण है कि इस मंदिर के मुख्य पुजारी, जिसे रावल कहा जाता है, वे कर्नाटक के वीरा शैव जंगम समुदाय के होते हैं। कन्नड़ कर्नाटक की मुख्य भाषा है, इसलिए यहां सभी धार्मिक अनुष्ठानों में कन्नड़ भाषा का उपयोग किया जाता है।

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कैप्शन: केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पहले का दृश्य
Image Credit : PTI

कैप्शन: केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पहले का दृश्य

शीत ऋतु में यहां होते हैं केदारनाथ के दर्शन
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित है। यहां शीत ऋतु के दौरान भारी बर्फबारी होती है, जिसके चलते इस दौरान मंदिर तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसलिए शीत ऋतु के दौरान केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिया जाते हैं और भगवान को पालकी से बैठकर उखीमठ लिया जाता है। 6 महीने तक भोलेनाथ के दर्शन उखीमठ में ही किए जाते हैं। इसके बाद ग्रीष्म ऋतु ने मंदिर के कपाट पुन: भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।

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