सार

Mahakal Bhasmarti Video: सावन मास 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। इस मौके पर उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। भक्तों को सुगमता से दर्शन हो सके, इसके लिए चलित भस्मारती दर्शन की व्यवस्था इस बार मंदिर समिति ने की है।

 

उज्जैन. सावन मास (Sawan 2023) 4 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 31 अगस्त तक रहेगा। सावन में भक्तों की संख्या को देखते हे उज्जैन स्थित महाकालेश्वर (Mahakaal temple Ujjain) मंदिर प्रबंध समिति ने गर्भगृह में 70 दिनों के लिए भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी हैं, वहीं इस बार चलित भस्मारती की व्यवस्था भी की गई है यानी जिन लोगों के पास भस्मारती की परमिशन नहीं है वे भी आम दर्शनार्थियों की तरह भस्मा आरती (Mahakal Bhasmarti) के दर्शन कर सकते हैं।

50 लाख भक्तों की आने की उम्मीद
उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद ये पहला सावन है। महाकाल मंदिर में दो महीने तक सावन उत्सव भी मनाया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक इस बार सावन में 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मंदिर समिति और प्रशासन का दावा है कि 40 मिनट में भक्तों को दर्शन कराने की व्यवस्था की गई है।

तड़के 3 बजे की गई भस्मारती
आमतौर पर भगवान महाकाल की भस्मारती सुबह 4 बजे की जाती है। इस दौरान सर्फ उन्हीं लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जाता है, जिनके पास भस्मारती की परमिशन होती है। इस बार इन व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया गया है। सावन मास प्रतिदिन सुबह 3 बजे भगवान महाकाल की भस्मारती की जाएगी और सोमवार को इसका समय रात 2.30 बजे रहेगा।

सावन के पहले दिन हुआ बाबा का आकर्षक श्रृंगार
सावन के पहले दिन यानी 4 जुलाई, मंगलवार को भगवान महाकाल का आकर्षक श्रृंगार पंडे-पुजारियों द्वारा किया गया। परंपरागत रूप से सबसे पहले बाबा का पंचामतृ (दूध, घी, शहद, शकर व दही) से अभिषेक किया गया। इसके बाद भस्मारती की गई। भस्मारती संपन्न होने के बाद बाबा महाकाल का भांग, चंदन, व आभूषण से विशेष श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल के इस रूप के निहारने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं।


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