Prayashchit Puja in Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर में राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरूआत 16 जनवरी से हो चुकी है। कार्यक्रम के पहले दिन प्रायश्चित पूजा की जाएगी। इसके साथ ही अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी संपन्न होंगे।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर में राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस मौके पर देश भर में उत्साह है, लेकिन सखी संप्रदाय की खुशी देखते ही बनती है। बहुत कम लोग सखी समुदाय के बारे में जानते हैं।
Ram Mandir Ayodhya: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है किसी देव प्रतिमा को चैतन्य करना यानी उसमें प्राण डालना।
Interesting facts about Shri Ram: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। इस दिन मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
Pongal Kyo Manate hai: देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति का पर्व विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। तमिलनाडु में ये पर्व पोंगल के रूप में मनाया जाता है। पोंगल से जुड़ी अनेक परंपराएं और मान्यताएं हैं।
Makar Sankranti 2024 Shubh Muhurat: सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति की पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 15 जनवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। जानें इस दिन कब से कब तक रहेगा शुभ मुहूर्त?
प्रेमानंद महाराज के लाखों करोड़ों भक्त है। राधा नाम जपने वाले प्रेमानंद महाराज कहते हैं ऐसे लोगों के पास लक्ष्मी का वास नहीं होता जो ये पांच काम करते हैं। जानें क्या है वह
रामायण में सीता हरण के दौरान जटायू और रावण के बीच युद्ध में जटायु घायल हो गया था। राम से मिलने पर उसने सीता को रावण के लंका ले जाने की बात बताकर प्राण त्याग दिए थे। राम ने नासिक में इस नदी के तट पर जटायु का अंतिम संस्कार किया था।
Chankya Niti: आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उन्होंने ही सभी जनपदों को जोड़कर अखंड भारत की नींव रखी। आचार्य चाणक्य ने एक नीति में बताया है कि खाने की किस खास चीज में कितना बल होता है।
Makar Sankranti Par Kyo Khate Hai Til Ke Laddu: मकर संक्रांति हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व पर तिल-गुड़ से बने व्यंजन जैसे लड्डू खाने की परंपरा है। इसके पीछे धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण छिपा है।