lucky girl for husband: सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि कौन-सी लड़कियां अपने हसबैंड के लिए लकी होती होती है और कैसे वे एक साधारण से लड़के को भी मालामाल कर सकती हैं। आगे जानिए इन लड़कियों के बारें खास बातें…
Shani Jayanti 2023: हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 19 मई, शुक्रवार को है। शनि जयंती का पर्व क्यों मनाते हैं, इसे लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है।
Palmistry: हथेली पर स्थित मस्तिष्क रेखा बहुत ही खास होती है, ये हमारे आचार-विचार और मानसिक स्थिति के बारे में बताती है। ये रेखा हथेली की तीसरी सबसे बड़ी रेखा होती है। हस्तरेखा में इस रेखा का विशेष महत्व बताया गया है।
Sankashti Chaturthi Upay: इस बार 8 मई, सोमवार को संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है और शाम को चंद्रमा की पूजा का भी विधान है। इस दिन कुछ खास उपाय करने चाहिए।
Achala Ekadashi 2023: ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं। कुछ धर्म ग्रंथों में इसे अपरा एकादशी भी कहा गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Good Luck Tips: हमारे धर्म ग्रंथों में कई ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें यदि रोज किया जाए तो हर तरह के संकट से बचा जा सकता है और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। ये काम बहुत ही आसान हैं, जिन्हें कोई भी कर सकता है
Bada Mangal 2023 Date: धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास में आने वाले सभी मंगलवार पर भगवान हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ मास के मंगलवारों को बड़ा मंगल कहा जाता है। उत्तर प्रदेश में इसका विशेष महत्व माना जाता है।
Vat Savitri Vrat 2023 Date: पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं द्वारा कई व्रत किए जाते हैं, वट सावित्री व्रत भी इनमें से एक है। ये व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर किया जाता है। इस व्रत का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है।
Jyestha month 2023: हिंदू पंचांग में 12 महीने होते हैं। इन सभी के नाम, महत्व आदि अलग-अलग हैं। हिंदू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ है। इस महीने का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ज्येष्ठ मास 6 मई से 4 जून तक रहेगा।
Narad Jayanti 2023: इस बार 6 मई, शनिवार को नारद जयंती का पर्व मनाया जाएगा। नारद को देवऋषि भी कहा जाता है। ये भगवान विष्णु के परम भक्त हैं। श्रीमद्भागवत में इन्हें विष्णुजी के 24 अवतारों में से एक माना गया है।