अगर कोई व्यक्ति अपने परिजनों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध न कर पाया हो तो वह सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) के दिन भी उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि कर्म कर सकता है। ऐसा करने से पितृ और कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।