वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, यह तिथि सब पापों को हरने वाली और उत्तम है।
गरुड़ पुराण के आचार काण्ड में बताया गया है कि हमें किन 10 लोगों के यहां भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इसे पर्व को जानकी नवमी भी कहते हैं। इस बार यह पर्व 2 मई, शनिवार को है।
29 अप्रैल, बुधवार से केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल चुके हैं। ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है।
ज्योतिष में कुल नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु-केतु बताए गए हैं। कुंडली में ग्रहों के अशुभ फलों से बचने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीतियों के माध्यम से लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र हमें बताए हैं। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।
गंगा के संबंध में अनेक पुराणों में कई कथाएं पढ़ने को मिलती है। महाभारत के सबसे प्रमुख पात्र भीष्म गंगा के आठवें पुत्र थे।
इस बार 30 अप्रैल, गुरुवार को गंगा सप्तमी है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन गंगा की उत्तपत्ति हुई थी।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित कोई दोष होता है तो हमें भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। इससे धन लाभ में भी परेशानियां आतीं हैं।
ज्योतिष शास्त्र में पुष्य को बहुत ही शुभ नक्षत्र माना गया है। इस बार 30 अप्रैल, गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से गुरु पुष्य का शुभ योग बन रहा है।