सार

Surdas Jayanti 2023: भगवान श्रीकृष्ण की उपासना कई संतों ने की है, लेकिन उन सभी में सबसे पहला नाम संत सूरदास का आता है। संत सूरदास को भक्ति शाखा का प्रमुख कवि माना जाता है। इन्होंने अपनी रचनाओं में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का सजीव वर्णन है।

 

उज्जैन. हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संत सूरदास (Surdas Jayanti 2023) की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 25 अप्रैल, मंगलवार को है। संत सूरदास को लेकर कई भ्रांतियां हैं। जैसे कोई कहता है कि वे जन्म से ही अंधे थे कहीं ये लिखा है कि बाद में उनकी आंखें खराब हो गईं। संत सूरदास के जन्म को लेकर भी मत भिन्नताएं हैं। आज संत सूरदास की जयंती पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं…

क्या जन्म से अंधे थे सूरदास?
सूरदास जन्म से अंधे थे या फिर किसी घटना के कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई। इस बात को लेकर कई भ्रांतियां हैं। हालांकि अधिकांश विद्वानों का मानना है कि सूरदास जन्म से ही अंधे थे। कथा के अनुसार, एक बार सूरदास कृष्ण भक्ति में भजन गाते हुए कहीं जा रहे थे, तभी एक अंधे कुए में जा गिरे। उन्हें बचाने के लिए स्वयं श्रीकृष्ण वहां आए और उनकी आंखों की रोशनी भी लौटा दी। जब सूरदास ने कहा कि आपको देखने को बाद अब मुझे कुछ और देखने की इच्छा नहीं है। ये बोलकर उन्होंने श्रीकृष्ण से अपनी अंधता पुन: मांग ली।

जब सूरदास से मिलने आया अकबर
किवदंति है कि एक बार शंहशाह अकबर तानसेन के गीत सुन रहे थे। तभी तानसेन ने संत सूरदास द्वारा रचित पद गाया तो अकबर के मन में उनके मिलने की लालसा जाग उठी और वे मथुरा पहुंच गए। सूरदास ने बादशाह को “मना रे माधव सौं करु प्रीती” गाकर सुनाया। अकबर ने सूरदासजी को कुछ चीजें भेंट में देनी चाही, लेकिन सूरदासजी ने कहा कि “आज पीछे हमको कबहूं फेरि मत बुलाइयो और मोको कबहूं लिलियो मती।” वैसे तो संत सूरदास की अनेक रचनाएं काफी प्रसिद्ध है लेकिन उन सभी में सूरसागर सबसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

कैसे हुई मृत्यु?
कहते हैं कि संत सूरदास की मृत्यु सन् 1583 में मथुरा के समीप पारसोली गांव में हुई थी। मृत्यु के समय सूरदासजी खंजन नैन रूप रस माते पद का गान कर रहे थे। पारसोली में ही इनकी समाधि भी है। प्रतिदिन हजारों लोग उनकी समाधि के दर्शन करने आते हैं।



ये भी पढ़ें-

New zealand Earthquqake: न्यूजीलैंड में आया भूकंप, क्या ये सूर्य ग्रहण का असर है, क्या कहता है ज्योतिष और वैज्ञानिक रिसर्च?


Budh Vakri Rashifal 2023: बुध के वक्री होने से कौन होगा परेशान-किसकी बढ़ेगी इनकम? जानें संपूर्ण राशिफल


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।