सार

नाजिर कहते हैं कि मैं भी फुटबाल खिलाड़ी बनना चाहता था लेकिन फोकस नहीं कर पाया. मैंने एथलेटिक्स, बास्केबॉल, कबड्डी भी खेली लेकिन किसी एक में पारंगत नहीं हो सका. मुझे किसी ने सही सलाह भी नहीं दी.

तिरुवनंतपुरम : केरल ( Kerala) के जेसिन संतोष ट्रॉफी के इतिहास में एक सब्सिट्यूट खिलाड़ी के तौर पर पांच गोल दागने वाले पहले फुटबाल प्लेयर बन गये हैं. इतना ही
नहीं एक टूर्नामेंट के किसी मैच में केरल की ओर से सबसे ज्यादा गोल करने का कीर्तिमान भी अब जेसिन के नाम है. यह रिकॉर्ड पहले आशिफ शहीर के नाम था 1999 में बिहार (Bihar) के खिलाफ चार गोल किये थे.

स्टेडियम में लेट पहुंचा
पिछले गुरूवार को जब संतोष ट्रॉफी के मुकाबले में केरल व कर्नाटक के बीच सेमीफाइन फुटबाल मैच खेला जाना था, तब मोहम्मद निजार स्टैंड से मैच देखने के लिए उतावले थे. लेकिन
मल्लापुरम के निलांबर निवासी ये ऑटो ड्राइवर जब तक दिन का ट्रिप पूरा करते, तब तक बहुत लेट हो गया था. उनका मंजेरी स्टेडियम पहुंचना मुश्किल था, जो वहां से 30 किलोमीटर दूर था.
जबकि मैच का किक ऑफ समय शाम 8:30 बजे का था. हालांकि मोहम्मद निजार ने अपने 22 वर्षीय बेटे का मैचलाइव स्ट्रीम पर देखा, जो अब केरल में फुटबाल की नई सनसनी है. टीम की 7-3 से जीत में उसने 5 गोल दागकर इतिहास रच दिया.

बने इतिहास के पहले खिलाड़ी
इस कारनामे के साथ ही संतोष ट्रॉफी (Santosh Trophy) के इतिहास में वैकल्पिक खिलाड़ी के तौर पर पांच गोल मारने वाले वे पहले खिलाड़ी बन गये हैं. जेसिन के पिता निजार सोमवार का फाइनल मैच मिस नहीं करना चाहेंगे. पश्चिम बंगाल व केरल के बीच फाइनल मैच देखने के लिए वे परिवार के साथ मंजेरी स्टेडियम जाएंगे. निजार ने कहा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है और उनका बेटा उनके सपने को पूरा कर रहा है.

पिता बनना चाहते थे फुटबॉल
नाजिर कहते हैं कि मैं भी फुटबाल खिलाड़ी बनना चाहता था लेकिन फोकस नहीं कर पाया. मैंने एथलेटिक्स, बास्केबॉल, कबड्डी भी खेली लेकिन किसी एक में पारंगत नहीं हो सका. मुझे
किसी ने सही सलाह भी नहीं दी. जेसिन भी अच्छा एथलीट है और मैंने अपने बेटे को बस एक ही सीख दी है कि सिर्फ एक समय में एक ही चीज पर फोकस करो. वह अच्छा कर रहा है यह जानकर खुशी होती है.

जेसिन ने किया कमाल
कर्नाटक के खिलाफ जेसिन को उस वक्त उतारा गया केरल एक गोल से पीछे था. 30वें मिनट में उतरे जेसिन ने 4 मिनट के भीतर ही पहला गोल किया. 42वें व 44वें मिनट में उसने हैट्रिक पूरी की. यह सारे गोल 15 मिनट में हुए और केरल ने अजेय बढ़त बना ली. इसके बाद सेकेंड हाफ में और गोल किये. जेसिन केरल यूनाइटेड के साथ खेलते हैं और सफलता का श्रेय कोच बीनो जार्ज को देते हैं क्लब में गाइड करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं कभी किसी जिले की टीम का हिस्सा नहीं रहा. लेकिन अपने कोच रफीक सर, मुरुगन सर और जार्ज सर की वजह से मुझे केरल
प्रीमियर लीग और संतोष ट्राफी में खेलने का मौका मिला. जेसिन की दादी ने भी शुरूआती दिनों में मददगार बनीं. निजार बताते हैं कि जेसिन जब छोटा था तब मैं ऑटो चालक था और कुछ
समय के लिए कमाने के लिए खाड़ी देश चला गया. तब मेरी मां उसे निलांबर अकादमी मैच के लिए ले जाया करती थीं. वे भी मेरी तरह जेसिन को फुटबॉल खिलाड़ी बनते देखना चाहती
थीं. लेकिन जब वह आठवीं में था तभी उनका देहांत हो गया. आज वे जिंदा होतीं तो बहुत खुश होतीं.

केरल के और भी खिलाड़ी
मल्लापुरम के अकेले जेसिन ही नहीं हैं जिन्होंने कमाल किया है. टीम के दो गोलकीपर भी मल्लापुरम के हैं जिन्होंने मैच में हिस्सा लिया. केरल यूनाइटेड के लिए खेलने वाले अर्जुन जयराज के अलावा एनएस शिघिल, डिफेंडर मो. सहीफ और मिड फील्डर सलमान के व फसलू रहमान सहित कुल 6 खिलाड़ी मल्लापुरप जिले के है. केरल व प. बंगाल के बीच फाइनल का सातवां मुकाबला होगा. करीब 25 हजार दर्शक मैच के दौरान मल्लापुरम फ्लेवर का आनंद लेंगे. जेसिन ने कहा कि यहां के लोग बहुत सपोर्ट करते हैं, उनका फुटबाल प्रेम प्रेरणा देता है. हम बंगाल
को ग्रुप मैच में 2-0 से मात दे चुके हैं और हमें उनके खेल के बारे में पता है. मुझे उम्मीद है कि हम मैच जीतेंगे और मुझे फिर से मौका मिलेगा.