Women's World Cup Final 2025: पंजाब के मोगा से निकलकर भारतीय क्रिकेट की शेरनी बनीं हरमनप्रीत कौर अब वर्ल्ड कप जीत से सिर्फ एक कदम दूर हैं। आज पूरा देश उम्मीद कर रहा है कि हरमनप्रीत देश को पहला महिला वर्ल्ड कप दिलाकर इतिहास रचेंगी।

Harmanpreet Kaur: भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट का सबसे बड़ा प्रतीक बन चुकी हैं। 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रनों की पारी से लेकर 2025 वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफर, हर पल ने भारत को एक नई उम्मीद दी है। आज जब भारत और साउथ अफ्रीका की टीमें नवी मुंबई के DY पाटिल स्टेडियम में आमने-सामने हैं, हरमनप्रीत उस जज्बे की कहानी लिखने निकली हैं, जिसे पूरा देश पढ़ना चाहता है और वह है विमेंस टीम का वल्ड कप जीतना। आइए जानते हैं उनका सफर...

मोगा की गलियों से वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफर

पंजाब के मोगा जिले में जन्मी हारमनप्रीत कौर ने बचपन में जब हॉकी स्टिक से टेनिस बॉल मारी थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यही लड़की एक दिन भारत के लिए इतिहास लिखेगी। उनके पिता हरमंदर सिंह भुल्लर ने हमेशा कहते थे, 'मैंने उसे बेटे की तरह नहीं, एक खिलाड़ी की तरह पाला।' उस दिन से लेकर आज तक, हरमनप्रीत का बल्ला सिर्फ रन नहीं, बल्कि इतिहास भी लिखता आया है।

हरमनप्रीत कौर की यादगार पारी

2017 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत की 171 रन की पारी ने भारत में महिला क्रिकेट को दिलों तक पहुंचा दिया। उनके खेलने का अंदाज ने सभी का दिल जीता और उस दिन के बाद महिलाओं के क्रिकेट मैच सिर्फ टीवी पर नहीं लोगों के दिलों में खेले जाने लगे।

हरमनप्रीत कौर ने कभी नहीं मानी हार

हरमनप्रीत का करियर आसान नहीं रहा। कभी फिटनेस पर सवाल, कभी कप्तानी पर आलोचना, कभी हार के बाद आंखों में आंसू, लेकिन उन्होंने हर बार दबाव को मोटिवेशन में बदल दिया। उनका मंत्र है, 'हम जानते हैं हार कैसी लगती है, अब हम सिर्फ जीत का एहसास चाहते हैं।' आज वर्ल्ड कप जीतकर वो वही एहसास पूरे देश को देना चाहती हैं।

विमेंस वर्ल्ड कप फाइनल जीतने से एक कदम दूर

आज रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में इंडिया और साउछ अफ्रीका के बीच वर्ल्ड कप फाइनल का मैच (India vs South Africa) चल रहा है। पूरे देश की निगाहें उस एक लम्हे पर टिकी हैं, जब हामनप्रीत कौर ट्रॉफी उठाएंगी और कहेंगी कि 'ये सिर्फ हमारी नहीं, हर भारतीय लड़की की जीत है।' आज की तारीख में भारतीय महिला क्रिकेट की पहचान हरमनप्रीत हैं। WPL (Women’s Premier League) से लेकर हर प्लेटफॉर्म पर उन्होंने साबित किया है कि क्रिकेट सिर्फ पुरुषों का खेल नहीं रहा।

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