सार

क्रिकेट में जितना महत्व खिलाड़ियों का होता है, उतना ही अहम रोल अंपायर का भी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंपायर कैसे बनते हैं? उनकी क्या योग्यता होनी चाहिए? एक मैच के लिए उन्हें कितनी सैलरी मिलती है? आइए जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें.

नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह पूजा जाता है. हर युवा क्रिकेटर का सपना होता है कि वह एक न एक दिन क्रिकेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करे. क्रिकेट में मौजूद पैसा और ग्लैमर देखकर हर कोई इसकी तरफ जल्दी आकर्षित हो जाता है. भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने वाले हर खिलाड़ी को करोड़ों रुपये सालाना मिलते हैं. दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग कहे जाने वाले आईपीएल में भी खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश होती है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्रिकेट के मैदान में सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं होते, बल्कि उनके साथ-साथ अंपायर भी मैच में अहम भूमिका निभाते हैं? आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि ये अंपायर कैसे बनते हैं? एक मैच के लिए उन्हें कितनी सैलरी मिलती है? अंपायर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? आइए आज हम आपके इन सभी सवालों के जवाब देते हैं.

 

क्या सिर्फ़ पूर्व क्रिकेटर ही अंपायर बन सकते हैं?

बिलकुल नहीं. अंपायर बनने के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि आप राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर रहे हों. हां, अंपायर बनने के लिए आपको क्रिकेट के नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके साथ ही अंपायर के लिए फिटनेस भी बहुत ज़रूरी है क्योंकि उन्हें पूरा मैच खड़े होकर करना होता है. इन सबके अलावा सबसे ज़रूरी है कि अंपायर की नज़र और कान दोनों तेज़ हों.

अंपायर कैसे बनें?

अंपायर बनने के लिए आपको सबसे पहले अपने राज्य की क्रिकेट संस्था में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यह रजिस्ट्रेशन स्थानीय स्तर पर अंपायरिंग के अनुभव के आधार पर होता है. राज्य स्तर पर रजिस्ट्रेशन के बाद आपको राज्य स्तरीय मैचों में अंपायरिंग करने का मौका मिलता है. इसके बाद आपके अनुभव के आधार पर राज्य क्रिकेट संस्थाएं आपका नाम बीसीसीआई को भेजती हैं.

बीसीसीआई लेता है परीक्षा:

राज्य संस्थाओं द्वारा आपका नाम बीसीसीआई को भेजने के बाद आप सीधे राष्ट्रीय स्तर के अंपायर नहीं बन जाते. इसके लिए आपको बीसीसीआई लेवल-1 अंपायर की परीक्षा पास करनी होती है. यह परीक्षा बीसीसीआई हर साल आयोजित करता है. इस परीक्षा से पहले बीसीसीआई उम्मीदवारों को तीन दिन की कोचिंग क्लास देता है जिसमें उन्हें अंपायरिंग से जुड़ी ज़रूरी जानकारी दी जाती है.

इसके बाद प्रैक्टिकल और इंटरव्यू भी होता है. इन सभी चरणों को पार करने के बाद ही आप बीसीसीआई लेवल-2 अंपायर की परीक्षा देने के योग्य बनते हैं. इसके बाद मेडिकल टेस्ट होता है. लेवल-2 अंपायरिंग परीक्षा पास करने के बाद ही आप बीसीसीआई अंपायर बन पाते हैं.

कितनी होती है अंपायर की सैलरी?

किसी भी टूर्नामेंट को सफल बनाने में अंपायर का फैसला बहुत अहम होता है. बीसीसीआई अपने अंपायर को उनके अनुभव और सीनियारिटी के आधार पर अलग-अलग ग्रेड में सैलरी देता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट में ग्रेड 'ए' के अंपायर को 40 हज़ार रुपये प्रतिदिन और ग्रेड 'बी' के अंपायर को 30 हज़ार रुपये प्रतिदिन सैलरी मिलती है.

अगर आप बीसीसीआई अंपायर बनने के बाद अच्छा प्रदर्शन करते हैं और आपका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहता है तो आपको आईसीसी अपने अंपायर पैनल में शामिल कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी पैनल के अंपायर को प्रति मैच 1.50 लाख रुपये से लेकर 2.20 लाख रुपये तक सैलरी मिलती है. यह तो हुई एक मैच की कमाई, अगर सालाना देखें तो आईसीसी पैनल के अंपायर की सैलरी औसतन 75 लाख रुपये होती है. इसके अलावा अंपायर स्पॉन्सरशिप से भी अच्छी कमाई कर लेते हैं.