सार
मुंबई: भारत की पहली टी20 वर्ल्ड कप जीत की याद में आज पूरा देश खोया हुआ है. पाकिस्तान के खिलाफ हाई वोल्टेज थ्रिलर में भारत ने पांच रनों से शानदार जीत हासिल की थी. आखिरी ओवर में मलयाली स्टार एस श्रीसंत का कैच और जोश आज भी भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए उत्साह का विषय है. हार के कगार पर पहुँचकर भी एम एस धोनी और उनकी टीम ने पाकिस्तान को हराकर एक छोटा सा ताज अपने नाम किया था. इस जीत को आज पूरे 17 साल हो चुके हैं.
नए फॉर्मेट में नए सितारों के साथ टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका में कदम रखा था. कप्तान थे रांची के धुरंधर एम एस धोनी. पहले ही मैच में पाकिस्तान के खिलाफ बॉल आउट में जीत के साथ ही युवा भारतीय टीम पर फैन्स को भरोसा हो गया था. स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ युवराज सिंह ने एक ही ओवर में छह छक्के जड़कर टूर्नामेंट का सबसे यादगार पल बनाया था. सेमीफाइनल में अनुभवी ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने फाइनल में जगह बनाई. हेडन और गिलक्रिस्ट को आउट करने के बाद श्रीसंत का जश्न आज भी ट्रेंडिंग में है.
फाइनल में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे. मौजूदा भारतीय कोच गंभीर की शानदार पारी की बदौलत भारत ने 157 रन बनाए. आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. कप्तान धोनी ने जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई. एक वाइड और एक छक्का लगने के बाद भी तीसरी गेंद पर मिसबाह उल हक़ गच्चा खा गए. पहला टी20 वर्ल्ड कप भारत के नाम रहा. 17 साल बाद एक बार फिर भारत ने टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया. 2007 में टीम में शामिल रहे रोहित शर्मा इस बार कप्तान के रूप में टीम का नेतृत्व कर रहे थे.