महिला वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा। अपना पहला खिताब जीतने के लिए, भारत को 5 चुनौतियों से पार पाना होगा, जिसमें मारिजाने कैप की गेंदबाजी, लॉरा वोल्वार्ट की बल्लेबाजी और नाडिन डी क्लर्क का विस्फोटक खेल शामिल है।
आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप फाइनल मैच के लिए अब उलटी गिनती शुरू हो गई है। रविवार, 02 नवंबर को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खिताब के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें आमने-सामने होंगी। भारत तीसरी बार फाइनल में पहुंचा है, जबकि दक्षिण अफ्रीका पहली बार फाइनल में आया है। अगर भारत को इस बार अपना पहला वर्ल्ड कप जीतना है, तो उसे दक्षिण अफ्रीका की इन पांच चुनौतियों से पार पाना होगा।
ICC Women World Cup Final Match में भारत के सामने 5 चुनौतियां
1.मारिजाने कैप vs स्मृति मंधाना: मारिजाने कैप महिला वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी हैं। वहीं, स्मृति मंधाना इस वक्त दुनिया की नंबर 1 वनडे बल्लेबाज़ और इस वर्ल्ड कप में दूसरी सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं। दोनों टीमों के लिए पावरप्ले के अहम फेज़ में यही दोनों ज़िम्मेदारी संभालती हैं। वर्ल्ड कप में फॉर्म से जूझ रहीं कैप ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ पांच विकेट लेकर लय हासिल कर ली है। वैसे तो वो मीडियम पेसर हैं, लेकिन गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की उनकी क्षमता कैप को अप्रत्याशित और खतरनाक बनाती है।
दूसरी तरफ, आक्रामक क्रिकेट का नया अंदाज़ अपना चुकीं स्मृति भी वर्ल्ड कप की शुरुआत में अपनी क्षमता के मुताबिक नहीं खेल पाई थीं। लेकिन, दूसरे फेज़ में उन्होंने लगातार दो अर्धशतक और एक शतक लगाकर फॉर्म में वापसी की। हाल में हमने स्मृति को नई गेंद के गेंदबाज़ों पर हमला करते देखा है। लेकिन, कैप के खिलाफ उनका रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। स्मृति ने हमेशा कैप का सामना सावधानी से किया है। कैप की 116 गेंदों का सामना करते हुए स्मृति ने सिर्फ 72 रन बनाए हैं, और उनका स्ट्राइक रेट 62 का रहा है। उन्होंने सिर्फ एक बार ही कैप को अपना विकेट दिया है।
2. दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोल्वार्ट की अगुवाई वाले टॉप ऑर्डर का सामना भारत के नई गेंद के गेंदबाज़ कैसे करते हैं। वर्ल्ड कप के लीग स्टेज में जब दोनों टीमें विशाखापत्तनम में भिड़ी थीं, तो भारत ने 20 ओवर के अंदर ही प्रोटियाज़ के टॉप ऑर्डर को पवेलियन भेज दिया था। लेकिन, नवी मुंबई विशाखापत्तनम नहीं है। मुंबई की विकेट बल्लेबाज़ों के लिए जन्नत है। 470 रनों के साथ बल्लेबाज़ी की रीढ़ बनीं लॉरा खुद आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं, लेकिन उनकी साथी तज़मिन ब्रिट्स वर्ल्ड कप में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं। इस साल पांच शतक लगाने के बावजूद, वह वर्ल्ड कप में उस फॉर्म को दोहरा नहीं सकी हैं।
लॉरा के बाद, टॉप ऑर्डर में सिर्फ कैप ही थोड़ा-बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के क्वालिटी गेंदबाज़ों के सामने दक्षिण अफ्रीका 100 रन भी नहीं बना पाया था। लेकिन, नवी मुंबई में ऐसे पतन की उम्मीद नहीं की जा सकती। हालांकि, भारत की तेज़ गेंदबाज़ी में रेणुका सिंह ठाकुर के जुड़ने से प्रोटियाज़ के सामने सवाल और भी तीखे हो जाएंगे, यह तय है।
3. लीग स्टेज में 252 रनों का बचाव करते हुए, भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 142-6 पर समेट दिया था। लेकिन, नाडिन डी क्लर्क की अकेली पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने जीत हासिल कर ली। वो भी चार ओवर बाकी रहते हुए। सिर्फ 54 गेंदों में 84 रन बनाकर नाडिन ने भारत को बहुत परेशान किया था।
खासकर जब बात नवी मुंबई की बैटिंग विकेट की हो, तो नाडिन और भी खतरनाक साबित होंगी, यह तय है। नाडिन वर्ल्ड कप में 136 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी कर रही हैं। इस वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा स्ट्राइक रेट वाली खिलाड़ी भी नाडिन ही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय टीम दाएं हाथ की इस बल्लेबाज़ पर दबाव बनाने के लिए बाएं हाथ के स्पिनरों को शामिल करती है। अगर श्रीचरणी टीम में अपनी जगह पक्की करती हैं, तो राधा यादव के पास एक और मौका है। या फिर यह देखना होगा कि क्या हरमन की फाइनल टीम में स्नेह राणा को जगह मिलती है।
4. अगली चुनौती यह है कि जेमिमा और हरमन की अगुवाई वाला भारत का मिडिल ऑर्डर बीच के ओवरों को कैसे संभालता है। लीग स्टेज में भारत का कोई भी मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ 15 से ज़्यादा रन नहीं बना पाया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम मैच में जेमिमा और हरमन ने विरोधियों को कोई मौका दिए बिना बल्लेबाज़ी की थी। इसके पीछे मुख्य कारण दोनों के पास मौजूद तरह-तरह के शॉट्स हैं। नई पीढ़ी की खिलाड़ी जेमिमा स्कूप शॉट्स और कट शॉट्स खेलती हैं। वहीं, हरमन मैदान के किसी भी हिस्से में रन बनाने की क्षमता रखती हैं। नाडिन, म्लाबा और ट्रायॉन बीच के ओवरों में लॉरा के हथियार होंगी।
5. आखिर में, दीप्ति शर्मा और दक्षिण अफ्रीका के दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के बीच का मुकाबला। भारतीय टीम की सबसे अनुभवी गेंदबाज़ दीप्ति ने इस वर्ल्ड कप में अब तक 17 विकेट लिए हैं और वह एनाबेल सदरलैंड के साथ सबसे ज़्यादा विकेट लेने वालों में टॉप पर हैं। लेकिन, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 54 रन देकर सिर्फ एक विकेट लिया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने 73 रन लुटाए थे। पिछले तीन मैचों में उन्होंने सिर्फ चार विकेट लिए हैं। फाइनल में दीप्ति को अपनी पूरी क्षमता के साथ वापसी करनी होगी।
