सार
कोरोना महामारी की वजह से करीब 3 साल के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में चीयरलीडर्स की भी वापसी हो गई है। मैदान पर चीयरलीडर्स की जलवा हर चौके-छक्के या विकेट गिरने पर देखा जा सकता है।
IPL 2023 Cheerleaders. कोरोना महामारी की वजह से करीब 3 साल के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में चीयरलीडर्स की भी वापसी हो गई है। मैदान पर चीयरलीडर्स की जलवा हर चौके-छक्के या विकेट गिरने पर देखा जा सकता है। कई बार तो इन चीयरलीडर्स की अदाएं फैंस को इतनी पसंद आती हैं कि इनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर मैच में इन चीयरलीडर्स को कितनी सैलरी मिलती है? नहीं जानते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि कैसी होती है इन चीयलीडर्स की लाइफ स्टाइल और कितने पैसे उन्हें मैच के लिए मिलते हैं।
अलग-अलग होती है चीयरलीडर्स की सैलरी
अक्सर आईपीएल के दौरान चीयरलीडर्स की लग्जरी लाइफ स्टाइल को देखकर क्रिकेट फैंस सवाल करते हैं कि इनकी कमाई कितनी होती होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर फ्रेंचाइजी टीम चीयरलीडर्स को अलग-अलग भुगतान करती हैं। कोलकाता नाइट राईडर्स की टीम सबसे ज्यादा पैसे चीयरलीडर्स को देती है। वहीं दूसरी फ्रेंचाइजी भी 12 से 20 हजार रुपए प्रति मैच की दर से चीयरलीडर्स को भुगतान करती हैं।
आइए जानते हैं कौन देता है कितनी सैलरी
- कोलकाता नाइट राइडर्स प्रति मैच 24,574 रुपए का भुगतान करती है।
- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर प्रति मैच 20, 479 रुपए का भुगतान करती है।
- मुंबई इंडियंस भी प्रति मैच 20,479 रुपए का भुगतान करती है।
- राजस्थान रॉयल्स की टीम प्रति मैच 14,744 रुपए भुगतान देती है।
- पंजाब किंग्स की टीम प्रति मैच 12,287 रुपए का भुगतान करती है।
- चेन्नई सुपर किंग्स प्रति मैच 12, 287 रुपए का भुगतान करती है।
- सनराईजर्स हैदराबाद प्रति मैच 12,287 रुपए का भुगतान करती है।
- लखनऊ सुपर जायंट्स व गुजरात टाइटंस भी 10 हजार से ज्यादा देती है।
विदेशी चीयरलीडर्स की डिमांड ज्यादा
इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान जिन चीयलीडर्स को आप देखते हैं, उनमें से ज्यादातर विदेशी होती हैं। इनमें भी यूक्रेन, नार्वे, बेल्जियम,रूस की चीयरलीडर्स सबसे ज्यादा हैं। अभी तक किसी मैच में भारतीय चीयरलीडर नजर नहीं आई हैं लेकिन जल्द ही इस प्रोफेशनल काम में इंडियन चेहरे भी नजर आ सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो ज्यादातर चीयरलीडर्स यह जॉब पार्ट टाइम ही करती हैं और आईपीएल के बाद अपने देशों को लौट जाती हैं।
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