नई दिल्ली. 2011 वर्ल्डकप जीतने के बाद भारत की टीम बिखर रही थी। सचिन के रिटायर होने का समय आ रहा था, युवराज कैंसर से जूझ रहे थे और सहवाग का बल्ला नहीं चल रहा था। ऐसे समय में दिल्ली का एक लड़का इंटरनेशनल क्रिकेट में जमकर रन बरसा रहा था, नाम था विराट कोहली। 2012 में ही सचिन रिटायर हुए और इसी साल कोहली ने टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। उनके साथ ही दिल्ली का एक और लड़का सभी की नजरों में आया, जिसने कोहली के ही पदचिन्हों पर चलकर वर्ल्डकप 2012 जीतने का सफर पूरा किया था। मोहम्मद कैफ और विराट कोहली के बाद सिर्फ तीसरी बार कोई खिलाड़ी यह खिताब भारत लाया था। नाम था उन्मुक्त चंद। इस खिलाड़ी से भी भारत का दूसरा कोहली बनने की उम्मीद की जाने लगी फिर ऐसा क्या हुआ जो आज इस खिलाड़ी को अंडर 19 वर्ल्डकप में ही कमेंट्री करनी पड़ रही है।