धोनी से बचते थे सचिन! शर्म से बदल देते थे सीट
पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को कई शिखर पर पहुंचाया. 2007 में धोनी को पहली बार भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था, इसमें सचिन तेंदुलकर ने अहम भूमिका निभाई थी.
| Published : Sep 13 2024, 03:52 PM IST
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पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने अपने नेतृत्व में टीम इंडिया को जीत के शिखर पर पहुँचाया. उन्होंने 3 अलग-अलग आईसीसी ट्रॉफी जीतीं और एक नया युग बनाया. एमएस धोनी एकदिवसीय विश्व कप, टी20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले एकमात्र कप्तान बने.
2007 में, धोनी को पहली बार भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था. धोनी को कप्तान नियुक्त करने में भारतीय टीम के मास्टर ब्लास्टर ने अहम भूमिका निभाई थी. 2007 में सचिन को कप्तानी की पेशकश की गई थी.
हालांकि, सचिन ने कप्तानी लेने से इनकार कर दिया और धोनी का नाम सुझाया. इसके बाद धोनी ने एक के बाद एक हर आईसीसी ट्रॉफी जीती. 2009 में धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर इतिहास रचा.
2011 में उन्होंने भारत को एकदिवसीय विश्व कप ट्रॉफी दिलाई. इसके साथ ही धोनी ने सचिन तेंदुलकर का 22 साल पुराना सपना पूरा किया. वह ट्रॉफी सचिन को समर्पित थी. सचिन ने एक से अधिक पीढ़ी के क्रिकेटरों को प्रेरित किया. वह उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो उन्हें खेलते हुए बड़े हुए हैं. लेकिन एक समय था जब धोनी सचिन के साथ समय बिताने से कतराते थे. वह उनसे मिलने से बचते थे.
इस बारे में जियो इनसाइडर से बात करते हुए सचिन ने कहा, 'अपने करियर के शुरुआती दिनों में धोनी बहुत शर्मीले थे. और अपनी सीट बदल ली. मैं उनसे बांग्लादेश में मिला था. एक मैच में उन्होंने आखिर में एक-दो शॉट लगाए. जिस तरह से उन्होंने बल्ले से गेंद को मारा, वह मुझे हैरान कर देने वाला था. इसके बाद मैंने सौरव गांगुली से कहा.'
इस तरह के बड़े-बड़े हिटर में यह खासियत होती है. धोनी में भी यही था. मैंने इसे बांग्लादेश के खिलाफ मैच में देखा था. जब हम हवाई जहाज से यात्रा कर रहे थे तो उनकी सीट मेरे बगल में थी. लेकिन, धोनी इसे दूसरे खिलाड़ियों के साथ बदल लेते थे. वह मेरे बगल में नहीं बैठते थे.'
धोनी की कप्तानी में सचिन तेंदुलकर ने 6 साल तक क्रिकेट खेला है. दिसंबर 2012 में सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. इसके बाद नवंबर 2023 में सचिन ने अपना आखिरी मैच वानखेड़े स्टेडियम में धोनी की कप्तानी में खेला.
दोनों ने जहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक साथ क्रिकेट खेला, वहीं आईपीएल में कभी एक साथ नहीं खेले. 2010 के आईपीएल फाइनल में धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स और सचिन की अगुवाई वाली मुंबई इंडियंस आमने-सामने थीं. इसमें चेन्नई सुपर किंग्स ने जीत हासिल की थी.