सार

गुरु और शिष्य का रिश्ता अटूट होता है, बिहार के गया मे इस रिश्ते का अटूट प्रेम दिखा। शिक्षक सुरेंद्र भगत 16 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए थे। उनका विदाई कार्यक्रम चल रहा था। टीचर को स्कूल से विदाई देते वक्त छात्राएं भावुक हो गईं और रोने लगीं।

गया। गुरु और शिष्य का रिश्ता अटूट होता है, बिहार के गया मे इस रिश्ते का अटूट प्रेम दिखा। शिक्षक सुरेंद्र भगत 16 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए थे। उनका विदाई कार्यक्रम चल रहा था। टीचर को स्कूल से विदाई देते वक्त छात्राएं भावुक हो गईं और रोने लगीं। पूरा परिसर में छात्राओं के रोने की आवाज गूंज रही थी। विदाई समारोह में मौजूद टीचर व अन्य लोग भी भावुक हो गए। एक छात्रा तो टीचर सुरेंद्र से आकर लिपट गई और कहने लगी, मत जाइए, सर।

 

 

रोती बिलखती छात्राओं ने टीचर को दी विदाई

आपको भी सुनकर अचरज हो रहा होगा। पर यह फिल्मी कहानी नहीं है, बल्कि सच है। टीचर की विदाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। महज 37 सेकेंड के वीडियो में दिख रहा है कि टीचर के सिर पर फूलों की पंखुड़िया पड़ी हैं और वह हाथ जोड़े हुए चल रहे हैं। उन्हें रोती बिलखती छात्राओं ने घेर रखा है। इस दौरान एक रोती हुई छात्रा उनसे लिपट भी जाती है।

इस स्कूल में थे खेल शिक्षक

सुरेंद्र भगत, शेरघाटी अनुमंडल के सुग्गी मिडिल स्कूल में खेल शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। प्रिंसिपल निरंजन प्रसाद के अनुसार, वह लगभग 16 वर्षों तक स्कूल में बतौर खेल शिक्षक कार्यरत रहें। वह बच्चों के बीच अपने सरल स्वभाव व बेहतरीन शै​क्षणिक व्यवस्था के लिए लोकप्रिय थे।

राह में बिछाए फूल

आपने अक्सर देखा होगा कि आजकल टीचर स्कूलों में समय पर नहीं आते या फिर अपनी कक्षा में बच्चों को समय से पढाने के लिए उपस्थित नहीं हो पाते हैं। पर सुरेंद्र भगत का कार्यकाल ऐसा रहा कि स्कूली बच्चें उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ गए थे। उनकी विदाई के मौके पर स्कूली बच्चों ने उनकी राह में फूल बिछाये थे और उन पर फूल भी बरसाए गए। शिक्षक के सेवानिवृत्ति के मौके पर स्कूल में आयोजित विदाई कार्यक्रम में अन्य टीचर भी शामिल हुए थे। जब छात्राएं शिक्षक से लिपटकर रो रहीं थीं, उस समय शिक्षक भी भावुक हो गए थे।