सार

भूख हड़ताल पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने गांधी मैदान से हिरासत में लिया। पुलिस द्वारा कथित तौर पर थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल। समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया।

पटना न्यूज: गांधी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। भूख हड़ताल पर बैठे प्रशांत किशोर को 4 बजे जबरन हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान प्रशांत किशोर को पुलिस ने थप्पड़ भी मारे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

 

 

हिरासत में लिए गए प्रशांत किशोर

इसके बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर किशोर की टीम का कहना है कि बर्बाद शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षा के खिलाफ पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे प्रशांत किशोर को 4 बजे जबरन हिरासत में ले लिया गया। जन सुराज का दावा है कि इस दौरान प्रशांत किशोर को पुलिस ने थप्पड़ भी मारे। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस में अज्ञात जगह ले जाया गया।

प्रशांत किशोर ने इलाज कराने से किया इनकार

वहीं उन्होंने इलाज कराने से इनकार कर दिया और कहा कि वह भूख हड़ताल जारी रखेंगे। इसके साथ ही जनसुराज ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'नीतीश कुमार की कायरता देखिए, उनकी पुलिस ने पिछले 5 दिनों से बर्बाद शिक्षा और भ्रष्ट परीक्षाओं के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को सुबह 4 बजे जबरन हिरासत में ले लिया। उनके साथ बैठे हजारों युवाओं को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।'

 

 

हंगामे का वीडियो वायरल

वहीं प्रशांत किशोर को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। सड़कों पर समर्थकों के हंगामे का एक वीडियो आया है जो तेजी से वायरल हो रहा है। आपको बता दें कि प्रशांत किशोर 2 जनवरी की शाम से ही पटना के गांधी मैदान में बापू की प्रतिमा के पास आमरण अनशन पर बैठे हैं। जिला प्रशासन ने उनके अनशन को अवैध घोषित कर दिया है।

क्या है पीके की मांग

पीके की मांगों में बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और पुनर्परीक्षा, 2015 में सात निश्चय के तहत किए गए वादे के अनुसार 18 से 35 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराना और पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितता और पेपर लीक की जांच पर श्वेत पत्र जारी करना तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है।