सार

अपार आईडी कार्ड, आधार कार्ड की तरह छात्रों के लिए एक विशिष्ट पहचान पत्र है। यह कार्ड शैक्षणिक रिकॉर्ड, गतिविधियों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को एक जगह संग्रहीत करेगा, जिससे छात्रों का शैक्षणिक जीवन आसान होगा।

APAAR ID CARD: देश भर के स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए अपार आईडी कार्ड (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) बनाने का काम तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार की इस पहल का उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना और एक एकीकृत रिकॉर्ड तैयार करना है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में इस प्रक्रिया में देरी की खबरें भी आई हैं। आइए इस योजना और अपार आईडी कार्ड के बारे में विस्तार से जानते हैं।

अपार आईडी कार्ड क्या है?

अपार आईडी कार्ड छात्रों के लिए आधार कार्ड की तर्ज पर एक विशिष्ट पहचान पत्र है।

कार्ड में उपलब्ध जानकारी

  • नाम, पता, फोटो, माता-पिता का नाम।
  • शैक्षणिक रिकॉर्ड, खेल और पाठ्येतर गतिविधियों का विवरण।
  • मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट और स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल या ओलंपियाड में उपलब्धियां।

कौन आवेदन कर सकता है?

यह कार्ड प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए बनाया जाएगा, लेकिन इसके लिए अभिभावकों की सहमति अनिवार्य है।

अपार आईडी कार्ड के लाभ

  • शैक्षणिक जीवन को आसान बनाना
  • विद्यालय बदलने या उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने के दौरान विद्यार्थी को अलग-अलग दस्तावेज साथ रखने की जरूरत नहीं होगी। यह कार्ड सभी रिकॉर्ड को एक ही स्थान पर सुरक्षित रखेगा।
  • डिजिटल और स्थायी पहचान
  • यह विशिष्ट आईडी पूरे देश में इस्तेमाल की जाएगी और आजीवन वैध रहेगी।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ
  • सरकार के पास सभी विद्यार्थियों का केंद्रीकृत डेटा होने से योजनाएं बनाना और उन्हें लागू करना आसान हो जाएगा।

योजना की बैकग्राउंड

2023 में अखिल भारतीय शिक्षा समागम (ABSS) के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना पर चर्चा की थी। देश के 30 करोड़ विद्यार्थियों का डेटा एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 4.1 करोड़ उच्च शिक्षा और 4 करोड़ कौशल क्षेत्र से संबंधित हैं।

'एक देश, एक विद्यार्थी आईडी' योजना विद्यार्थियों और शिक्षा व्यवस्था दोनों के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी। अपार आईडी कार्ड न केवल छात्रों की शैक्षणिक यात्रा को सरल बनाएगा बल्कि डिजिटल युग में छात्रों की पहचान को मजबूत करेगा।