सार
बगुला मुखी महायज्ञ: छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां धमतरी जिले के एक गांव में 3 दिवसीय महायज्ञ का आयोजन किया गया। 3 दिनों तक चले इस बगुलामुखी महायज्ञ की खबर सभी को हैरान कर रही है। दरअसल, इस महायज्ञ में 11 हजार किलो सूखी लाल मिर्च की बलि दी गई। हैरानी की बात यह है कि वहां मौजूद एक भी श्रद्धालु को छींक या खांसी नहीं आई।
सूखी लाल मिर्च की बलि
धमतरी जिले के जीजामगांव गांव में आयोजित इस बगुलामुखी महायज्ञ में इस्तेमाल की गई 11 हजार किलो सूखी मिर्च की चर्चा पूरे दिन गांव के साथ-साथ आसपास के इलाकों में होती रही। बलि में इस्तेमाल की गई सूखी लाल मिर्च का इस्तेमाल वहां मौजूद श्रद्धालुओं की समस्याओं के समाधान के लिए किया गया। इस महायज्ञ में नागा साधु और पीठाधीश्वर डॉ. प्रेम साईं महाराज भी मौजूद थे जिन्होंने न सिर्फ इस महायज्ञ का संचालन किया बल्कि वहां पूजा-अर्चना भी की। महायज्ञ में भारी भीड़ मौजूद थी, लेकिन वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति को सूखी लाल मिर्च छू तक नहीं गई, जिससे वहां मौजूद लोग हैरान रह गए और यह महायज्ञ चर्चा में आ गया।
दिव्य और अलौकिक शक्ति वाला धाम
वहां मौजूद लोगों का कहना है कि, मां मातंगी के दिव्य धाम में आयोजित बगुलामुखी महायज्ञ में लोग अपनी और क्षेत्र की सुख-शांति के लिए दिव्य धाम आए थे, जहां लाल मिर्च की बलि दी गई ताकि भक्तों और क्षेत्र की सुख-शांति बरकरार रहे। आगे लोगों ने बताया कि इस धाम में इतनी दिव्य और अलौकिक शक्ति है कि 11 हजार किलो सूखी मिर्च की बलि देने के बाद भी लोगों को कुछ नहीं हुआ। बलि देने से सभी लोगों की सभी समस्याएं भी दूर होंगी और सभी के जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। यह धाम अपनी दिव्य और अलौकिक शक्ति के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह महायज्ञ नागा साधु एवं पीठाधीश्वर डॉ. प्रेमा साईं महाराज की उपस्थिति में संपन्न हुआ.