सार

साइबर ठगों ने इंजीनियर साहब को कोरियर कम्पनी की सर्विस का झांसा दिया। वह ठगों की चाल नहीं समझ सकें। भेजे गए लिंक पर क्लिक कर फार्म भरा और पांच रुपये का आनलाइन पेमेंट कर दिया। उनके खाते से डेढ लाख निकाल लिए गए।

अंबिकापुर। साइबर ठगों ने इंजीनियर साहब को ऐसा झांसा दिया कि वह ठगों की चाल नहीं समझ सकें और ठगी के शिकार हो गए। पहले उन्हें कोरियर कम्पनी की लुभावनी स्कीम समझायी और फिर पांच रुपये का आनलाइन भुगतान कराया और फिर उनके खाते से डेढ लाख रुपये पार कर दिए। इंजीनियर साहब को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब शक होने पर उन्होंने तीन दिन बाद बैंक खाता चेक किया, तब उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ और संबंधित बैंक को घटना की सूचना दी। बहरहाल, पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है।

बिजली विभाग में कार्यपालन अभियंता के पद पर हैं तैनात

मामला गांधीनगर इलाके का है। ठगी का शिकार हुए रावत रेसिडेंसी के रहने वाले बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता दीपक शर्मा है। उनका कहना है कि दो जनवरी को उनके मोबाइल पर फोन एक कॉल आयी। उधर से बात कर रहे ठग ने खुद को कोरियर सर्विस से जुड़ी कम्पनी का कर्मचारी बताया। उसने इंजीनियर साहब को कोरियर कम्पनी की स्कीम समझाते हुए कहा कि यदि वह इस सर्विस की सुविधा लेते हैं तो कोरियर ब्वॉय उनके घर आएगा और पार्सल लेकर जाएगा। बताए गए पते पर वह पार्सल की डिलीवरी करेगा। इसके लिए उन्हें अलग से कोई शुल्क देने की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी। दीपक को कोरियर सर्विस कम्पनी का कर्मचारी बनकर स्कीम बता रहे ठग की बात जंची तो उन्होंने अपनी सहमति दे दी।

लिंक क्लिक कर पांच रुपये का किया आनलाइन भुगतान

उनकी सहमति मिलते ही ठग ने दीपक शर्मा के मोबाइल पर एक लिंक भेजा और उसे क्लिक करने को कहा, यह भी बताया कि लिंक क्लिक करने पर एक फॉर्म खुलेगा। वह भरना होगा और फिर आनलाइन पांच रुपये का भुगतान करना होगा। दीपक ने ठग के द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक करके फॉर्म भरा और फिर पांच रुपये का आनलाइन भुगतान कर दिया।

संदेह हुआ तो चेक किया बैंक खाता

तब तक उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि उनके साथ ठगी हो रही है। फिलहाल, उसके बाद उन्होंने दो से तीन दिन तक कोरियर ब्वाय का इंतजार किया। पर कोरियर लेने कोई भी घर नहीं पहुंचा तो उनको संदेह हुआ। उन्होंने अपना बैंक खाता जांचा तो देखा कि पांच रुपये के भुगतान के बाद खाते से डेढ लाख रुपये निकाले गए हैं। यह पैसे तीन बार में निकाले गए।