दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिसंबर 2025 तक पूर्ण होने पर बस्तर पहली बार राजधानी से रेलमार्ग से जुड़ेगा, खनिज परिवहन तेज होगा और क्षेत्र में रोजगार, निवेश व विकास के नए अवसर मिलेंगे।

रायपुर। बस्तर जिले की दल्लीराजहरा-रावघाट रेल परियोजना का काम तेजी से पूरा हो रहा है। 95 KM के इस प्रोजेक्ट के तारोकी से रावघाट सेक्शन (77.5 KM) में यूटिलिटी शिफ्टिंग 100% पूरी हो चुकी है। बड़े और छोटे पुलों के निर्माण के साथ ट्रैक बिछाने का कार्य अब अंतिम चरण में है। लक्ष्य है कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना दिसंबर 2025 तक पूरी हो जाए।

बस्तर को पहली बार राजधानी से रेल कनेक्टिविटी

परियोजना पूरी होने के बाद बस्तर पहली बार सीधे राजधानी रायपुर से रेल मार्ग द्वारा जुड़ जाएगा। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी, खनिज परिवहन तेज होगा और बस्तर के सामाजिक व आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

खनिज परिवहन को मिलेगी नई दिशा

यह रेलवे लाइन रावघाट लौह अयस्क खदानों को सीधे भिलाई इस्पात संयंत्र से जोड़ेगी। दल्लीराजहरा खदानों में लौह अयस्क की कमी के कारण यह परियोजना उद्योगों की जरूरतें पूरी करने और क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।

रेल विकास निगम लिमिटेड के अनुसार-

  • 17.5 किमी भूमि अधिग्रहण पूरा हो चूका है
  • 21.94 लाख घन मीटर मिट्टी कार्य लगभग पूर्ण हो चूका है
  • 3 में से 2 बड़े पुल तैयार हैं
  • 61 में से 55 छोटे पुल पूरे हो चुके हैं
  • बैलेस्ट और भवन निर्माण अगस्त-सितंबर 2025 तक पूरे होने की उम्मीद है

निर्माण में आ रही चुनौतियां

यह क्षेत्र वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित है, जिससे निर्माण कार्य चुनौतीपूर्ण रहा है। अब तक नक्सली हमलों की 12 घटनाओं में 4 मजदूरों और 2 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है। कई बार मशीनों और उपकरणों में आगजनी भी हुई। हालांकि, एसएसबी की सुरक्षा मिलने के बाद परियोजना में तेज़ प्रगति हुई है।

संरचना और तकनीकी मानक

कुल 95 किमी रेलमार्ग में- 16 प्रमुख पुल, 19 रोड ओवर ब्रिज, 45 रोड अंडर ब्रिज, 176 छोटे पुल शामिल हैं। सिर्फ 17.5 किमी लंबे तारोकी-रावघाट खंड में 3 प्रमुख पुल, 5 रोड ओवर ब्रिज, 7 रोड अंडर ब्रिज, 49 छोटे पुल बनाए जा रहे हैं। सभी कार्य तकनीकी सटीकता और सुरक्षा मानकों के साथ हो रहे हैं, ताकि यह लाइन लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित रहे।

नवंबर 2025 में ट्रेन चलने की उम्मीद

तारोकी-रावघाट खंड पर नवंबर 2025 से ट्रेन परिचालन शुरू होने की संभावना है। इसके साथ ही बस्तर में खनिज परिवहन, रोजगार, स्थानीय व्यापार और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। यह रेलवे लाइन बस्तर को न सिर्फ मुख्यधारा से जोड़ेगी, बल्कि विकास, रोजगार और समृद्धि की नई राह भी खोलेगी।