बस्तर में स्वास्थ्य क्रांति: छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के दुर्गम और नक्सल प्रभावित इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई हैं। ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान से गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण और कैंसर-टीबी-सिकल सेल की स्क्रीनिंग संभव हुई।
रायपुर। जब छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की बात होती है, तो सबसे पहले दुर्गम जंगल और उफनती इंद्रावती नदी का ख्याल आता है। बरसात के मौसम में इन इलाकों तक पहुँचना बेहद कठिन और जोखिमभरा होता है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्यकर्मी हर हाल में मरीजों तक पहुँचकर उनकी जान बचाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
सरकार की प्राथमिकता में नक्सल प्रभावित इलाके भी शामिल हैं। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में अब आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल रही हैं। यह बदलाव मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन और निरंतर प्रयासों का परिणाम है।
'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' अभियान की सफलता
इस अभियान की सफलता के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट के सचिव अमित कटारिया और आयुक्त-सह-संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला लगातार काम कर रहे हैं। “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान ने बीजापुर के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई हैं।
बीते शनिवार को स्वास्थ्य दल ने स्वयं नाव चलाकर उफनती इंद्रावती नदी पार की और अबूझमाड़ से लगे ग्राम कोंडे में शिविर आयोजित किया। इस शिविर में 132 मरीजों की जांच हुई, जिनमें मलेरिया, सर्दी-खाँसी और त्वचा रोग प्रमुख रहे।
- 10 गर्भवती महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण और परामर्श दिया गया।
- महिलाओं को पोषण, एनीमिया से बचाव और सुरक्षित मातृत्व से जुड़ी जानकारी भी दी गई।
बीजापुर में अभियान की उपलब्धियाँ
पिछले तीन दिनों में बीजापुर जिले में अभियान की रफ्तार उल्लेखनीय रही।
- 3,177 लोग उच्च रक्तचाप से प्रभावित पाए गए।
- महिलाओं में कूल 2,823 स्क्रीनिंग की गई जिसमें मुख, स्तन और सर्वाइकल कैंसर शामिल हैं।
- 314 गर्भवती महिलाओं को जांच, टीकाकरण और परामर्श मिला।
- अब तक 1,200 से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग और 800 से अधिक व्यक्तियों की सिकल सेल जांच भी की गई।
मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ अब दुर्गम इलाकों में
ये आँकड़े केवल संख्याएँ नहीं हैं, बल्कि इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएँ सबसे कठिन इलाकों तक भी पहुँचें। स्वास्थ्यकर्मी नदी, पहाड़ और जंगल पार कर महिलाओं और बच्चों तक जीवन रक्षक सेवाएँ पहुँचा रहे हैं।
सरकार का यह प्रयास साबित करता है कि “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार की आधारशिला है”। इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता यही है कि स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतर पहुँच बनी हुई है।
बस्तर में स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव
बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं का यह सुधार न सिर्फ स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बना रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सुशासन और समर्पण से कठिन से कठिन इलाकों में भी बदलाव संभव है।
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