छत्तीसगढ़ की लखपति दीदियां आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं। डिजिटल प्रशिक्षण और सरकारी सहयोग ने हजारों महिलाओं को नया जीवन दिया है। जानें उनकी प्रेरक कहानियां और सरकार की योजनाएं यहां।
छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखते हुए “बिहान की दीदियां” आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़े कदम बढ़ा रही हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लखपति दीदी बनाने के संकल्प से हजारों महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होकर नई पहचान बना रही हैं। डिजिटल प्रशिक्षण के माध्यम से छत्तीसगढ़ के उत्पाद अब वैश्विक बाजार तक पहुंचेंगे, जिससे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भरता की मशाल बनेंगी।
नवरात्रि में नारी शक्ति का सम्मान और सफर की नई शुरुआत
मुख्यमंत्री ने नवरात्रि पर्व को नारी सम्मान का प्रतीक बताते हुए कहा कि महिलाओं की मेहनत और नवाचार ने छत्तीसगढ़ की पहल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2027 तक 3 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ की 8 लाख महिलाएं शामिल होंगी। महुआ आधारित उत्पाद ‘जशप्योर’ जैसे ब्रांड ने भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है, जो स्थानीय महिलाओं के लिए बड़ा आर्थिक सहारा बना है।
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लखपति दीदियों की प्रेरक कहानियां
कार्यक्रम में शामिल महिलाओं ने अपने सफल आत्मनिर्भर बनने की प्रेरक कहानियां साझा कीं। बलरामपुर की पूनम गुप्ता ने किराना दुकान और आटा चक्की खोलकर बड़ा व्यवसाय खड़ा किया, जबकि गरियाबंद की हेमिन साहू ने अपना आचार-पापड़ व्यवसाय दिल्ली मेले तक पहुंचाया। रायपुर की गीता वर्मा ने हल्दी-मसाले के व्यवसाय से मासिक 15-20 हजार रुपए की आमदनी के साथ अपने परिवार का संबल बनकर दिखाया। सभी महिलाओं ने प्रधानमंत्री के संकल्प को अपनी जिंदगी का वरदान बताया।
मुख्यमंत्री का बिहान दीदियों के स्टॉलों का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने स्थल पर लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और उत्पादों की भूमिका पर प्रसन्नता जताई। डोंगरगांव के समूह से यदि – साहीवाल गाय के A2 मिल्क से बने घी की खरीदारी की गई, वहीं जालाग्राम की महिलाएं फिनायल, मोमबत्ती और ग्लिसरीन सोप बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी पहचान
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और पॉलिसी वॉच की पहल से महिलाओं को ब्रांडिंग, कास्टिंग और पैकेजिंग में ट्रेनिंग देकर उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक मार्केट तक पहुंचाने का कमाल किया जा रहा है। सरकार महिला स्व-सहायता समूहों के पुनरुद्धार और सशक्तिकरण में समर्थन जारी रखेगी और महिलाओं की आर्थिक आजादी के सपनों को हकीकत बनाएगी।
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