Nalanda Parisar Project: छत्तीसगढ़ में नालंदा परिसर परियोजना के तहत बिलासपुर में आधुनिक पुस्तकालयों का निर्माण हो रहा है। यह पहल शिक्षा, संस्कृति और ज्ञान के प्रसार को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा।

Chhattisgarh Libraries : छत्तीसगढ़ के युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए राज्य सरकार एक बड़ा कदम उठा रही है। अब सिर्फ रायपुर या बिलासपुर जैसे बड़े शहर ही नहीं, बल्कि सुदूर वनांचल के सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और जशपुर जैसे क्षेत्रों में भी आधुनिक सेंट्रल लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन बनाए जा रहे हैं। आने वाले समय में ये नालंदा परिसर न केवल पढ़ाई का माहौल बदलेंगे, बल्कि हजारों युवाओं की जिंदगी भी संवारेंगे।

बड़े शहरों से लेकर दूरदराज़ इलाकों तक, हर कोने में बनेगा ज्ञान का केंद्र

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पिछले दो वर्षों में 33 नए नालंदा परिसरों के लिए मंजूरी दी है। रायगढ़ में तो सीएसआर फंड से 700 सीटर की विशाल सेंट्रल लाइब्रेरी का काम भी तेज़ी से चल रहा है, जिस पर 42 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च होंगे। यह प्रदेश का सबसे बड़ा नालंदा परिसर होगा।

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युवाओं को मिलेगा आधुनिक पढ़ाई का माहौल

ये लाइब्रेरी-सह-रीडिंग जोन न केवल उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए भी वरदान साबित होंगे। यहां ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की पढ़ाई की सुविधा, बेहतर पुस्तक संग्रह और शांत अध्ययन वातावरण उपलब्ध होगा।

237 करोड़ से अधिक की स्वीकृति, 18 नए परिसर इस साल बनेंगे

विभाग ने 2025-26 में 17 नगरीय निकायों में 18 नालंदा परिसरों के लिए 125 करोड़ 88 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। वहीं, 2024-25 में 15 परिसरों के लिए 111 करोड़ 70 लाख रुपए मंजूर हुए थे, जिनमें से 11 का काम जल्द शुरू होने वाला है।

11 शहरों में जारी हुई पहली किस्त, निर्माण में आएगी तेजी

उप मुख्यमंत्री अरुण साव की मंजूरी के बाद इस महीने 11 नगर निकायों को कुल 19 करोड़ 14 लाख 87 हजार रुपए की पहली किस्त जारी की गई है। दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कवर्धा, कांकेर और जशपुर सहित कई स्थानों पर जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा।

500 और 250 सीटर लाइब्रेरी का नेटवर्क तैयार

राज्य के 10 शहरों में 500 सीटर और 22 शहरों में 250 सीटर लाइब्रेरी बनेंगी। दुर्ग, भिलाई, जशपुर, गरियाबंद और अंबिकापुर जैसे शहर बड़े साइज के नालंदा परिसरों से लैस होंगे, जबकि छोटे शहरों में 250 सीट क्षमता वाले आधुनिक रीडिंग जोन स्थापित किए जाएंगे।

रायपुर बनेगा शिक्षा का हब, दो और लाइब्रेरी बनेंगी

राजधानी रायपुर में पहले से तीन बड़ी लाइब्रेरियां संचालित हैं, जिनमें 1000 सीटर नालंदा परिसर और 800 सीटर तक्षशिला लाइब्रेरी शामिल हैं। अब यहां 1000 और 500 सीटर की दो नई लाइब्रेरियां भी बनेंगी, जिन पर 34 करोड़ से अधिक की लागत आएगी।

“नालंदा परिसर सिर्फ इमारत नहीं, भविष्य की नींव” -मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सुकमा से सूरजपुर और रायगढ़ से कवर्धा तक – हर कोने में अत्याधुनिक लाइब्रेरियां खोली जा रही हैं। ये नालंदा परिसर सिर्फ इमारत नहीं, बल्कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं।

“हर सुविधा के साथ पढ़ाई का माहौल देंगे”- उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन परिसरों में पढ़ाई करने वाला हर युवा अपने सपनों को साकार करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सकेगा।

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