सार
छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक लाचार पिता को अपने डेढ़ साल के बेटे का शव 55 किलोमीटर दूर हॉस्पिटल में बाइक से ले जाना पड़ा। उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिला था।
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता को अपने डेढ़ साल के बेटे का शव लेकर बाइक से 55 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी। बच्चे के शव को सीने से लगाए पिता को जिसने भी देखा उसकी आंखें भर आईं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एम्बुलेंस नहीं मिल पाने के चलते पिता को बाइक से बेटे का शव लेकर हॉस्पिटल पहुंचना पड़ा। शव का पोस्टमॉर्टम कराना था।
पुलिस के अनुसार बच्चे के पिता की पहचान दरसराम यादव के रूप में हुई है। वह लेमुर थाना क्षेत्र के अरसेना गांव के रहने वाले हैं। एम्बुलेंस नहीं मिलने के चलते उन्हें अपने बेटे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बाइक से हॉस्पिटल लाना पड़ा। दरसराम की पत्नी अकासो बाई रविवार को बच्चे अश्विनी कुमार के साथ स्थानीय तालाब में नहाने गई थी। इसी दौरान हादसा हुआ और अश्विनी कुमार तालाब में डूब गया। परिजनों और गांव के लोगों ने बच्चे के शव को तालाब से निकाला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
एम्बुलेंस नहीं मिला, पुलिस ने भी नहीं की मदद
पास के हॉस्पिटल में मोर्च्यूरी नहीं होने के चलते रविवार को परिजनों ने शव को अपने घर में रखा। सोमवार को दरसराम अपने बच्चे के शव को बाइक से 55 किलोमीटर दूर अस्पताल ले गए। पीड़ित परिवार को न तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस मिली और न ही पुलिस द्वारा कोई वाहन उपलब्ध कराया गया। मृतक के परिजनों के अनुसार वाहन उपलब्ध नहीं हुआ। पुलिस ने भी कहा कि वह गाड़ी का इंतजाम नहीं कर सकती। पुलिसकर्मियों ने सुझाव दिया कि बाइक से शव हॉस्पिटल ले जाओ।
मामला प्रकाश में आने के बाद जिले के स्वास्थ्य अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बच्चे के परिजनों ने शव वाहन की मांग नहीं की थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एस एन केशरी ने बताया कि मृत बच्चे के परिजन ने शव ले जाने के लिए वाहन की मांग नहीं की थी। राज्य सरकार द्वारा राज्य के अंदर शव ले जाने के लिए मुफ्त परिवहन की व्यवस्था की गई है। मामला हमारे संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जा रही है।