छत्तीसगढ़ सरकार ने मनेंद्रगढ़, जशपुर, रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग और जगदलपुर में 6 नए फिजियोथेरेपी कॉलेज खोलने की मंजूरी दी है। लगभग 84 करोड़ की लागत से बनने वाले ये कॉलेज युवाओं को शिक्षा, रोजगार और प्रदेश को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देंगे।

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में 6 नए फिजियोथेरेपी महाविद्यालय बनाए जाएंगे। यह कदम युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा और आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

किन जिलों में खुलेंगे नए फिजियोथेरेपी कॉलेज

चिकित्सा शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार नए फिजियोथेरेपी कॉलेज इन जिलों में स्थापित होंगे:

  • मनेंद्रगढ़
  • जशपुर
  • रायगढ़
  • बिलासपुर
  • दुर्ग
  • जगदलपुर

सरकार ने इन कॉलेजों के निर्माण के लिए 83 करोड़ 62 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। प्रत्येक कॉलेज पर लगभग 13 करोड़ 93 लाख रुपये (करीब 14 करोड़) खर्च होंगे। यह बजट न सिर्फ इमारतों और प्रयोगशालाओं के निर्माण पर, बल्कि छात्रों के लिए उपकरण और आधुनिक अधोसंरचना पर भी लगाया जाएगा।

युवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नई राह

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता का स्वास्थ्य और युवाओं का भविष्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 6 नए फिजियोथेरेपी कॉलेज केवल संस्थान नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव हैं। यहां से तैयार होने वाले डॉक्टर और विशेषज्ञ न सिर्फ राज्य, बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनाएंगे।

यह भी पढ़ें

‘रामायण से मिले सुर मेरा तुम्हारा तक’… CM साय ने गिनाई दूरदर्शन की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का बयान

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य शिक्षा नई ऊंचाइयों तक पहुंच रही है। इन नए फिजियोथेरेपी कॉलेजों से युवाओं को उच्चस्तरीय शिक्षा मिलेगी और फिजियोथेरेपी सेवाएं गांव-गांव तक पहुंचेंगी। यह फैसला स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार और अवसरों के नए द्वार खोलेगा।

फिजियोथेरेपी कॉलेजों की अहमियत

आज के समय में फिजियोथेरेपी स्वास्थ्य सेवाओं का अहम हिस्सा बन चुकी है। नए कॉलेजों से प्रशिक्षित विशेषज्ञ तैयार होंगे, जो मरीजों को बेहतर इलाज देंगे। अब मरीजों को बड़े शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि अपने जिले में ही फिजियोथेरेपी की सुविधा मिल जाएगी।

शिक्षा और रोजगार का विस्तार

राज्य में पहले से मौजूद मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों के साथ फिजियोथेरेपी कॉलेजों की नई श्रृंखला से स्वास्थ्य शिक्षा का दायरा और बड़ा होगा। इससे डॉक्टर, नर्स और विशेषज्ञ फिजियोथेरेपिस्ट बड़ी संख्या में तैयार होंगे। इन कॉलेजों के निर्माण से लेकर संचालन तक स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। वहीं, स्नातक विद्यार्थी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाएं देकर छत्तीसगढ़ की जरूरतों को पूरा करेंगे।

यह भी पढ़ें

गंगरेल डुबान क्षेत्र की 11 समितियों को मिला मछली पालन का हक, CM विष्णु देव साय का बड़ा ऐलान