सार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तसीगढ़ की नगरी-सिहावा के मुकुंदपुर में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। सीएम के साथ प्रदेश के गृह और पर्यटन मंत्री के अलावा और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत भी मौजूद रहे।

रायपुर. छत्तसीगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को नगरी-सिहावा के मुकुंदपुर में आयोजित समारोह में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत भगवान श्रीराम की भव्य मूर्ति और विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। बता दें कि कांग्रेस सरकार के द्वारा मुकुंदपुर में करीब 9 करोड़ की लागत से भगवान श्रीराम जी की प्रतिमा बनवाई गई है। जिसकी लंबाई 30 फीट है।

सीएम भूपेश बघेल ने इन कार्यों का भी किया लोकार्पण

दरअसल, धमतरी जिले में भव्य श्रीराम मंदिर के अलावा इस राम वन गमन पर्यटन परिपथ मुकुंदपुर में और भी कई चीजों का निर्माण किया गया है। जिसमें श्री राम वाटिका, दीप स्तंभ, एलइडी ब्राडिंग, सप्तऋषि की मूर्तियां, प्रवेश द्वार, 01 कॉटेज, पार्किंग, एप्रोच रोड, पर्यटक सूचना केन्द्र, कलवर्ट निर्माण, कॉटेज निर्माण, लॉन डेवलपमेंट, सीसीटीवी, यज्ञशाला, जनसुविधा केन्द्र, ड्रेन, विद्युतीकरण, ओवरहेड वॉटर टैंक, स्टेयर्स, सीढ़ी निर्माण, साइनेजेस, गजीबो, बाउण्ड्रीवॉल, मॉडयूलर शॉप, सप्तऋषि स्थल का विकास, साइट डेवलपमेंट, गार्ड रूम का निर्माण हुआ है।

समारोह में मंत्री से लेकर विधायक तक रहे मौजूद

समारोह में छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, सिहावा विधायक एवं मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, धमतरी नगर निगम के महापौर श्री विजय देवांगन, छत्तीसगढ़ नि:शक्तता सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्री मोहन लालवानी , जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री निशु चंद्राकर, आईजी श्री आरिफ शेख, कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी, एसपी श्री प्रशांत ठाकुर सहित विभिन्न जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

रामराज्य के आदर्शों पर सीएम बघेल ने दिया जोर

रामायण महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री ने रामराज्य के आदर्शों पर जोर दिया, जहां सभी को सम्मान और समान अवसर मिलते हैं। उन्होंने सभी नागरिकों के लिए सम्मान और अवसर सुनिश्चित करने के लिए भगवान श्री राम से प्रेरणा लेने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। राज्य सरकार किसी भी चुनौती के बावजूद किसानों और मजदूरों की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने, बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करने और किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीद सुनिश्चित करने में सक्रिय रूप से लगी हुई है।