CM विष्णुदेव साय ने रायपुर में राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से भेंट कर समाज निर्माण, पारदर्शिता और नक्सलवाद उन्मूलन में उनकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने जनहित कार्यों में निष्ठा और समर्पण से सेवा करने का आह्वान किया।

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आज राज्य प्रशासनिक सेवा (State Administrative Service) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में 2024 बैच के 13 और 2021 बैच के 1 अधिकारी शामिल थे।

प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की भूमिका पर मुख्यमंत्री का जोर

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशासन की धुरी होते हैं। जनता की समस्याओं को हल करने में उनकी अहम भूमिका रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ अधिकारियों को प्रबुद्ध नागरिक के रूप में समाज की भलाई की भी चिंता करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बेहतर समाज निर्माण में योगदान देने और अपने पदेन दायित्वों का कुशल निर्वहन करने की शुभकामनाएँ दीं।

प्रशिक्षण और इंडक्शन कोर्स की जानकारी

छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के संचालक श्री टी.सी. महावर ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि इन अधिकारियों का इंडक्शन कोर्स, जो 7 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हुआ था, अब पूरा हो रहा है। इसके बाद सभी अधिकारी राज्य के विभिन्न जिलों में डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालेंगे और शासन के विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली को समझेंगे।

प्रशिक्षण अनुभव साझा करने का अवसर

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रशिक्षु अधिकारियों से उनके प्रशिक्षण अनुभव भी सुने। उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनना एक सौभाग्य है और हर किसी को यह अवसर नहीं मिलता। अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वे पूरे मनोयोग, निष्ठा और समर्पण के साथ जनता की सेवा करें और प्रशासनिक दायित्व निभाएँ।

शासन और प्रशासन का आपसी संबंध

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन का कार्य जनहित की नीतियाँ बनाना है, लेकिन उनके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की होती है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है, जहाँ खनिज और वन संपदा की प्रचुरता है, मिट्टी उपजाऊ है और पावर सेक्टर मजबूत है।

नक्सलवाद उन्मूलन और विकास की गति

मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद पर भी चर्चा की और कहा कि यह राज्य के विकास में एक बड़ी रुकावट था। अब यह अपनी अंतिम साँसें गिन रहा है। जवान पूरी मुस्तैदी से नक्सलियों का मुकाबला कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल समस्या पूरी तरह खत्म हो जाए। इसके बाद राज्य विकास की और भी तेज गति से आगे बढ़ेगा।

जनजातीय समाज को आगे लाने की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों की जिम्मेदारी विशेष रूप से जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लाने की होगी। उनके विकास और उत्थान में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

पारदर्शिता और सुशासन पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन में पारदर्शिता लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहाँ सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाया गया है। राज्य में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और अब तक साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

राजस्व मामलों का समयबद्ध निराकरण

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ये मामले सीधे जनता से जुड़े होते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों की एक छोटी पहल भी बड़ी राहत ला सकती है। सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि राजस्व मामलों का समयबद्ध समाधान हो और प्रक्रियाएँ ऑनलाइन कर लोगों को आसानी से सुविधा मिले।

मुलाकात में उपस्थित अधिकारी

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के संयुक्त संचालक श्री प्रणव सिंह तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के सभी प्रशिक्षु अधिकारी मौजूद रहे।

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