सार

मंगरलोड थाना क्षेत्र के बुंडेनी गांव में हुए वारदात में चेले (शिष्य) के वहशीपन का एक नया खुलासा हुआ है। घटना में तांत्रिक सिद्धि पाने के चक्कर में चेले रौनक ने अपने ही गुरु बसंत साहू की निर्मम हत्या कर दी और उसका खून पी गया।

धमतरी। आपने आज तक गुरु-शिष्य के बीच मर्यादा-सम्मान के ढेरों किस्से सुने होंगे, पर मंगरलोड थाना क्षेत्र के बुंडेनी गांव में हुए वारदात में चेले (शिष्य) के वहशीपन का एक नया खुलासा हुआ है। जिसने इस रिश्ते की मर्यादा को ही तार-तार कर दिया। घटना में तांत्रिक सिद्धि पाने के चक्कर में चेले रौनक ने अपने ही गुरु बसंत साहू की निर्मम हत्या कर दी और उसका खून पी गया। कानून से बचने के लिए मृत शरीर को जलाने की भी कोशिश की पर सच छिपाने की आपाधापी में लाश आधी ही जल पायी और पुलिसिया जांच में सच सामने आ गया। रौनक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

सिद्धियां पाने के लिए बसंत को बनाया था गुरु

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रायपुर निवासी रौनक छाबड़ा (25 वर्ष) की तांत्रिक विद्या में रुचि थी। तांत्रिक सिद्धियां पाने के लिए उसने राजिम नवापारा के पेंटर बसंत साहू को गुरु बनाया था। दोनों अक्सर पूजा—पाठ में जुटे रहते थे। पर एक दिन पहले ही बसन्त की अधजली लाश लोमश ऋषि आश्रम स्थित पैरी नदी के किनारे पायी गयी तो इलाके में हड़कम्प मच गया। पुलिस को घटना को जानकारी गयी तो मामले की छानबीन शुरु हुई।

रौनक को कहीं से मिली यह जानकारी

बताया जा रहा है कि रौनक को कहीं से यह पता चला था कि यदि गुरु का खून पी लिया जाए तो सारी सिद्धियां आसानी से हासिल हो जाएंगी। बीती 31 जनवरी की रात में दोनों श्मशान घाट के पास सुनसान इलाके में पहुंचे और शराब पीकर पूजा पाठ में लग गएं।

पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों एक दूसरे से तंत्र—मंत्र के चक्कर में ही जुड़े हुए थे। आरोपी के बसंत तंत्र की शिक्षा देता था। उस रात दोनों शराब पीकर बातचीत कर रहे थे। उसी दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ और रौनक ने डंडे से बसंत की मारकर हत्या कर दी और उसकी लाश जला दी। यह तथ्य भी सामने आ रहा है कि रौनक के दिमाग में यह भी चल रहा था कि यदि गुरु का खून पी लिया जाए तो सारी सिद्धियां एक झटके में मिल जाएंगी। हत्या कर खून पीने की भी बात सामने आ रही है।