सार
छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस के हत्थे चढ़ा एक युवक महीने में 22 बार मसाज कराने के लिए स्पा सेंटर गया। दुर्ग के एसपी अभिषेक पल्लव की पूछताछ में यह खुलासा हुआ तो उनके मुंह से निकल पड़ा…
दुर्ग। छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस के हत्थे चढ़ा एक युवक महीने में 22 बार मसाज कराने के लिए स्पा सेंटर गया। दुर्ग के एसपी अभिषेक पल्लव की पूछताछ में यह खुलासा हुआ तो उनके मुंह से निकल पड़ा कि मैं तो महीने में इतनी बार जिम भी नहीं जा पाता हूॅं। पुलिस ने स्पा सेंटर संचालक समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्पा सेंटर या सेक्स रैकेट
दरअसल, शहर के सूर्या मॉल में एसेंस स्पा सेंटर संचालित हो रहा था। जब पुलिस को यह शिकायत मिली कि स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है तो पुलिस के कान खड़े हुए। पुलिस ने छापेमारी की तो सच सामने आ गया। ग्राहकों के साथ लड़कियों को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सामने आया कि स्पा सेंटर में काम करने वाली लड़कियां बाहर की रहने वाली हैं। सेंटर में आपत्तिजनक चीजें भी बरामद हुईं।
कोड से पहचाने जाते थे ग्राहक
एसपी ने मीडिया प्रतिनिधियों के सामने ही आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि स्पा सेंटर में ग्राहकों को बाकायदा एक कोड दिया जाता था। रजिस्टर में उनकी एंट्री इसी कोड के माध्यम से की जाती थी। उसी दौरान एक युवतक से पूछताछ शुरु हुई तो वह स्पा सेंटर का स्थाई ग्राहक निकला। उसके पास से स्प्रे और कंडोम बरामद हुए। पूछताछ के दौरान युवक बातों को टाल रहा था। जब एसपी अभिषेक पल्लव ने उससे पूछा कि तुम स्पा सेंटर में काम से गए थे तो कंडोम किस लिए ले गए थे। युवक कुछ नहीं बोला। युवक से स्प्रे के बारे में भी जानकारी ली गई। पता चला कि स्पा सेंटर में अलग अलग केबिन बने हुए थे। आपत्तिजनक काम उन्हीं केबिनों में होते थे। पुलिस ने वह रजिस्टर भी बरामद किया है। जिसमें ग्राहकों का पूरा ब्यौरा रखा जाता था।
सैलरी पर लड़कियों को रखा गया
रजिस्टर खंगालने पर पता चला कि आरोपी युवक महीने भर में 22 बार सेक्स रैकेट के अड्डे पर गया। रजिस्टर में रात 11:30 बजे भी उसकी एंट्री दर्ज थी। यह देखकर एसपी भी चौंक गए। उन्होंने कहा कि महीने में इतनी बार तो मैं जिम भी नहीं जा पाता हूॅं और युवक से कड़ाई से पूछताछ की। स्पा सेंटर में काम करने वाली लड़कियों को सैलरी पर रखा गया था। ग्राहक अपनी पसंद की लड़की पसंद करते थे और उसी लिहाज से उनसे पैसे की डिमांड की जाती थी।