Food Procurement Reform पर फोकस करते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने नवा रायपुर में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की। ब्रोकन चावल की नई नीति, कस्टम मिलिंग में पारदर्शिता, सेंट्रल फूड पोर्टल सुधार और किसानों के लिए तकनीकी नवाचारों पर चर्चा हुई।

रायपुर। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार ने नवा रायपुर में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। उद्देश्य था – खाद्यान्न उपार्जन प्रणाली में दक्षता, पारदर्शिता और तकनीकी सुधार लाना। इसमें प्रदेश के खाद्य, सहकारिता और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

कार्यशाला का शुभारंभ भारतीय खाद्य निगम (FCI) के सीएमडी आशुतोष अग्निहोत्री, भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुश्री शिखा और छत्तीसगढ़ की खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

कस्टम मिलिंग और ब्रोकन चावल पर नई नीति

भारत सरकार के अधिकारियों ने कस्टम मिलिंग में पारदर्शिता लाने के उपाय बताए। संयुक्त सचिव सुश्री शिखा ने बताया-

  • 25% तक के ब्रोकन चावल को मशीनों की मदद से 10% तक लाया जाएगा।
  • बचा हुआ ब्रोकन चावल खुले बाजार में बेचा जाएगा।

इसके अलावा, राइस मिलों के संयुक्त भौतिक सत्यापन के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू की गई है, जिसमें सॉफ्टवेयर और स्वचालित चयन प्रणाली का इस्तेमाल होगा।

सेंट्रल फूड पोर्टल और भंडारण व्यवस्था में सुधार

अधिकारियों ने सेंट्रल फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल और सेंट्रल फूड स्टोरेज पोर्टल के बारे में जानकारी दी। जून महीने में FCI ने प्रदेश को 188 रैक उपलब्ध कराए, जिससे लगभग 6 लाख मीट्रिक टन चावल का भंडारण हुआ। यह चावल कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में कल्याणकारी योजनाओं के तहत भेजा जा रहा है।

किसानों और उपार्जन केंद्रों के लिए तकनीकी सुविधाएं

प्रदेश के लगभग 25 लाख किसान 2,739 उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचते हैं।

  • इन केंद्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए PCSAP सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • अतिरिक्त खर्च के दावे अब ऑनलाइन स्कैन मॉड्यूल के जरिए भेजे जाएंगे ताकि जल्दी निपटारा हो।
  • चावल भंडारण और परिवहन के लिए रूट ऑप्टिमाइजेशन पर भी चर्चा हुई।

धान उपार्जन में नवाचार और योजनाएं

खाद्य सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले ने भारत सरकार के अधिकारियों को बताया कि-

  • प्रदेश में चावल उत्सव, टोकन तुहर हाथ और बस्तर की नियद नेल्लानार योजना सफलतापूर्वक चल रही हैं।
  • अगले खरीफ सीजन में किसानों के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य किया गया है, जिससे फर्जी खरीदी रोकी जा सके।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

कार्यशाला में FCI के कार्यकारी निदेशक श्री दलजीत सिंह और डॉ. अश्विनी कुमार गुप्ता, भारत सरकार के अधिकारी श्री मातेश्वरी प्रसाद मिश्रा, विपणन संघ और नागरिक आपूर्ति निगम की एमडी श्रीमती किरण कौशल, संचालक खाद्य श्री कार्तिकेय गोयल, पंजीयक सहकारिता श्री कुलदीप शर्मा, FCI के महाप्रबंधक श्री देवेश यादव समेत कई अधिकारी मौजूद थे। समापन पर भारत सरकार के अधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर आभार जताया गया।