सार

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में पुलिस ने 25 लाख के इनामी नक्सली रामचंद्रम को मुठभेड़ में मार गिराया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाला रामचंद्रम कई राज्यों में सक्रिय था और उसके कई नाम थे।

अबूझमाड़ न्यूज: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। मुठभेड़ में उच्च कैडर के नक्सली मारे जा रहे हैं। दो दिन पहले अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली रामचंद्रम भी मारा गया। रामचंद्रम के बारे में एक जानकारी यह है कि नक्सल संगठन में शामिल होने से पहले वह इंजीनियर था। उसका एनकाउंटर पुलिस की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इससे पहले भी वह कई मुठभेड़ों में पकड़ा गया, लेकिन बच निकला। इस बार अबूझमाड़ के जंगलों में उसका बचना मुश्किल हो गया और वह मुठभेड़ में मारा गया।

जानिए उसके बारे में और जानकारी

वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के पोचमपल्ली का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक उसका असली नाम प्रुद्वी मोहन राव है। उसने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। लेकिन फिर वह नक्सल संगठन में शामिल हो गया। इसके बाद प्रुद्वी मोहन राव उर्फ ​​रामचंद्र उर्फ ​​कार्तिक उर्फ ​​दसरू उर्फ ​​दसरन्ना उर्फ ​​नरेश उर्फ ​​लखमू उर्फ ​​जीवन इन्हीं नामों से जाना गया। वह छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश में सक्रिय था।

बीमारी की वजह से नक्सलियों ने भेजा था ओडिशा

लेकिन बाद में नक्सलियों ने उसे ओडिशा भेज दिया। यहां उसे नक्सलियों की ओडिशा स्टेट कमेटी का सदस्य बनाया गया। वह यहां भी सक्रिय रूप से काम कर रहा था। उसका ज्यादातर समय ओडिशा में ही बीता। पिछले दो साल से बीमारी के चलते उसे अबूझमाड़ शिफ्ट कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक रामचंद्रम 70 फीसदी देख नहीं सकता। उसकी सुरक्षा में 4 लोग थे। इलाके में वह दसरू दादा के नाम से जाना जाता था। जिसमें सेंट्रल कमेटी समेत कई स्टेट कमेटी के सदस्य भी शामिल थे। रामचंद्रम मुठभेड़ में मारा भी जा चुका है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।

वह छत्तीसगढ़ आता-जाता था

ओडिशा कमेटी में रहकर वह छत्तीसगढ़ के लिए भी रणनीति बनाता था। वह भी काफी खूंखार नक्सली था। छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की पुलिस कई दिनों से उसकी तलाश कर रही थी। आखिरकार छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया।

ऐसे हुई मुठभेड़

वह चार राज्यों में सक्रिय सबसे बड़े नक्सलियों में से एक है। 12 दिसंबर को बस्तर में पुलिस को सूचना मिली कि दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सीमा पर अबूझमाड़ के जंगल में नक्सलियों का कैंप है। यहां नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के लोग बैठक करने के लिए जुटे हैं। इस सूचना पर चार जिलों से पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया। जवान दो दिन तक जंगल में रहे। यहां उनकी नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। इसमें 40 लाख रुपये के इनामी 7 नक्सली मारे गए। इनमें से एक रामचंद्रम था। इस मुठभेड़ में रैनी उर्फ ​​रमीला मड़कम, सोमारी ओयाम, गुडसा कुच्चा, रैनू पोयाम, कमलेश उर्फ ​​कोहला, सोमारू उर्फ ​​मोटू भी मारे गए।