सार

छत्तीसगढ़ के रायपुर में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू राष्ट्र, बागेश्वर धाम सरकार के विवादित बयान और रामनवमी हिंसा को लेकर बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले संत अब तक इसका कोई प्रारूप सामने नहीं लाए हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हिंदू राष्ट्र, बागेश्वर धाम सरकार के विवादित बयान और रामनवमी हिंसा को लेकर बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले संत अब तक इसका कोई प्रारूप सामने नहीं लाए हैं। जब तक इसका कोई प्रारूप सामने नहीं आ जाता है। तब तक वह हिंदू राष्ट्र के ​पक्ष या विरोध में नही हैं। उन्होंने करपात्री महाराज का जिक्र करते हुए बड़ा तर्क भी दिया। कहा कि कंस और रावण के समय में भी हिंदू राष्ट्र था, पर जनता सुखी नहीं थी। यदि किसी राज में जनता सुखी हो सकती है तो वह सिर्फ राम राज्य है।

हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले अभी तक कोई प्रारूप नहीं ला पाए

दरअसल, रायपुर के बेमेतरा और बालोद जिले में पुराण कथा का आयोजन किया गया है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद इन्हीं कथाओं में शामिल होने के लिए शुक्रवार को रायपुर पहुंचे। इसी दौरान उन्होंने संतों द्वारा हिंदू राष्ट्र की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कभी हिंदू राष्ट्र की मांग नहीं की। यह मांग करने वाले अब तक इसका कोई प्रारूप सामने नहीं ला पाए हैं। ऐसे में हिंदू राष्ट्र के बाद भी हम लोगों के व्यवहार में क्या अंतर आ जाएगा। जब तक इसका कोई प्रारूप सामने नहीं आता है। तब तक हम इसका समर्थन या विरोध नही कर सकते हैं।

सवाल उठाया कि हिंदू राष्ट्र बनने पर क्या हो जाएगा

उन्होंने हिंदू राष्ट्र की मांग पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने पर क्या हो जाएगा? करपात्री जी महाराज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब देश का विभाजन हो रहा था। उस समय भी लोगों के मन में चिंता थी। तब, करपात्री जी ने कहा था कि हमे हिंदू राष्ट्र नहीं चाहिए, क्योंकि हिंदू राष्ट्र तो रावण और कंस का भी था, पर प्रजा सुखी नहीं थी और हमें ऐसा राज्य चाहिए, जिसमें प्रजा यानि की जनता सुखी हो। राम राज्य ही एकमात्रा वैसा राज्य है।

बागेश्वर बाबा की प्रशंसा

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रशंसा करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से कुछ नहीं कहा है। उन्होंने यही कहा था कि शंकराचार्य जी ने इस बारे में बताया है। यदि हम अपने धर्माचार्य के निर्णयों को नहीं मानेंगे तो कौन मानेगा? उनके खिलाफ कार्रवाई पर कहा कि कोर्ट में जवाब दिया जाएगा।

रामनवमी हिंसा और हनुमान जयंती पर जारी अलर्ट पर भी सवाल

रामनवमी हिंसा और हनुमान जयंती पर जारी अलर्ट पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि खुद को हिंदू दल मानने वालों का लगभग देशभर में राज है तो ऐसे समय में इन मौकों पर एडवाइजरी क्यों जारी करनी पड़ रही है? यह विचार का विषय है। हिंदू बहुमत है, केंद्र में सत्ता भी हिंदू पक्ष की है। फिर ऐसी परिस्थितियां। इस तरह की एडवाइजरी आजादी के बाद कितनी बार जारी की गई है।