सार

शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआत 3 अक्टूबर से होगी। रायपुर के अनोखे मड़ धूमावती मंदिर में देवी को पिज्जा, बर्गर और समोसा चढ़ाया जाता है। जानें इस मंदिर की विशेषता और देवी की पूजा विधि।

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दौरान घरों या मंदिरों में देवी दुर्गा की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की 9 दिन अलग-अलग पूजा की जाती है। यह त्योहार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहले दिन) से शुरू होता है और नवमी (नौवें दिन) तक मनाया जाता है।

इस बार कब से शुरू हो रहा है नवरात्रि?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 12:19 बजे से शुरू होगी और 4 अक्टूबर को सुबह 2:58 बजे तक रहेगी। उदया तिथि (सूर्योदय के समय प्रचलित तिथि) के आधार पर शारदीय नवरात्रि गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 को शुरू होगी।

मां धूमावती मंदिर के बारे में क्या है मान्यता?

देवी के भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और प्रतिदिन उनकी पूजा करते हैं, जिसका समापन नौवें दिन छोटी लड़कियों (कन्या पूजन) की पूजा के साथ होता है। कई भक्त देवी को खीर, पूरी, चना और सब्ज़ी चढ़ाने के लिए भी मंदिर जाते हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक अनोखा मंदिर है, जहां भक्त देवी को स्नैक्स, पिज्जा, बर्गर और समोसा चढ़ाते हैं।

मां धूमावती को क्यों चढ़ाया जाता है पिज्जा-बर्गर?

मां धूमावती मंदिर के नाम से जाना जाने वाला यह अनोखा मंदिर रायपुर के पुरानी बस्ती क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में मूर्ति धुआं छोड़ने वाली एक अखंड अग्नि के रूप में विराजमान है। यहां भक्त देवी को मिर्ची भजिया, कचौरी, मूंग बड़ा, समोसे, बर्गर, पास्ता समेत कई अन्य चीजें चढ़ाते हैं।

10 महाविद्याओं में से सातवीं महाविद्या मानीं जातीं हैं मां धूमावती

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में विराजमान मां धूमावती 10 महाविद्याओं में से सातवीं महाविद्या हैं, जो मां जगत जननी आदिशक्ति का उग्र रूप हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार मां धूमावती को नमकीन खाना बहुत पसंद था। यही कारण है कि भक्त जब भी मंदिर आते हैं तो नमकीन खाना चढ़ाते हैं। कुछ भक्तों का यह भी मानना ​​है कि मां धूमावती समय-समय पर उनके सपनों में आती हैं और उन्हें पिज्जा, बर्गर समेत कई अन्य चीजें चढ़ाने के लिए कहती हैं।

किस वाहन पर सवार होकर आएंगी देवी दुर्गा?

शारदीय नवरात्रि में जिस वाहन पर सवार होकर देवी दुर्गा आती हैं, उसका विशेष महत्व होता है क्योंकि यह शुभ-अशुभ का प्रतीक होता है। इस वर्ष देवी दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। देवी पुराण के अनुसार पालकी पर जगदंबा का सवार होकर आना अत्यंत शुभ माना जाता है।

 

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