भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की घोषणा की है। सीईओ यशवंत कुमार ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक और प्रेस वार्ता कर प्रक्रिया, तिथियों व दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।

रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ सहित देश के 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) की तिथियों की घोषणा कर दी है। इसी क्रम में, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) यशवंत कुमार ने 28 अक्टूबर 2025 को राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की और आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की।

राजनीतिक दलों के साथ बैठक और प्रेस वार्ता

यह बैठक कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, रायपुर के सभागार में आयोजित हुई। मुख्य उद्देश्य था- सभी राजनीतिक दलों को पुनरीक्षण कार्यक्रम की तिथियों, प्रक्रिया और आवश्यक दिशा-निर्देशों की जानकारी देना। इसके बाद, सीईओ यशवंत कुमार ने विभिन्न मीडिया संस्थानों के साथ प्रेस वार्ता की और मतदाता सूची को पारदर्शी व त्रुटिरहित बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया

प्रत्येक मतदान केंद्र पर लगभग 1,000 मतदाता पंजीकृत हैं। प्रत्येक केंद्र पर एक बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) नियुक्त होता है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) होता है, जो एसडीएम स्तर का अधिकारी होता है। ईआरओ का कार्य होता है-

  • मसौदा मतदाता सूची तैयार करना
  • दावे और आपत्तियां प्राप्त कर उन पर निर्णय लेना
  • अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन करना

साथ ही, प्रत्येक तहसील में एक सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (AERO) नियुक्त होता है। ईआरओ के निर्णय के खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट (DM) प्रथम अपील सुनते हैं और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) द्वितीय अपील का निपटारा करते हैं।

बीएलओ की भूमिका और जिम्मेदारियाँ

  • बीएलओ नए मतदाताओं के लिए फॉर्म 6 और घोषणा पत्र एकत्र करेंगे।
  • वे मतदाता को ई-फॉर्म (E.F.) भरने में सहायता करेंगे और उसे ईआरओ/एईआरओ को जमा करेंगे।
  • हर मतदाता के घर का कम से कम तीन बार दौरा किया जाएगा।
  • शहरी या अस्थायी प्रवासी मतदाता ऑनलाइन भी ई-फॉर्म भर सकते हैं।
  • बीएलओ मृत, स्थानांतरित या डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान करेंगे ताकि सूची सटीक और अद्यतन रह सके।

ईआरओ/एईआरओ की जिम्मेदारी

ईआरओ और एईआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई पात्र नागरिक छूटे नहीं और कोई अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो। यदि किसी मतदाता का डेटा मेल नहीं खाता, तो उन्हें नोटिस भेजा जाएगा और सत्यापन के बाद निर्णय लिया जाएगा।

SIR कार्यक्रम के प्रमुख चरण

1. पूर्व-गणना चरण

  • बीएलओ, ईआरओ और डीईओ का प्रशिक्षण।
  • बीएलओ द्वारा मैन्युअल मिलान और ECINET सिस्टम द्वारा कंप्यूटर आधारित लिंकिंग।

2. राजनीतिक दलों की भागीदारी

सीईओ, डीईओ और ईआरओ सभी मान्यता प्राप्त दलों से मिलकर एसआईआर प्रक्रिया समझाएंगे। राजनीतिक दल अपने बूथ स्तरीय एजेंट (BLA) नियुक्त करेंगे, जो मतदाताओं से ई-फॉर्म एकत्र कर बीएलओ को देंगे। बीएलए प्रतिदिन 50 ई-फॉर्म तक प्रमाणित कर सकते हैं।

3. गणना चरण (Enumeration Phase)

घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन और डेटा एकत्र करना। जिन मतदान केंद्रों पर 1,200 से अधिक मतदाता हैं, उनका युक्तिकरण (Rationalization) किया जाएगा।

4. मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन

ड्राफ्ट रोल में वे सभी नाम शामिल होंगे जिनके ई-फॉर्म प्राप्त हो गए हैं। अनुपस्थित, मृत या डुप्लिकेट नामों की सूची सीईओ की वेबसाइट और सार्वजनिक कार्यालयों में उपलब्ध होगी।

5. नोटिस और आपत्तियाँ

ईआरओ/एईआरओ उन मतदाताओं को नोटिस जारी करेंगे जिनका डेटा मेल नहीं खाता। सुनवाई के बाद उनके नाम शामिल या हटाने का निर्णय लिया जाएगा।

6. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

सभी दावे और आपत्तियों के समाधान के बाद अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। डीएम प्रथम अपील और सीईओ द्वितीय अपील की सुनवाई करेंगे।

SIR कार्यक्रम की महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • प्रशिक्षण कार्य: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक
  • घर-घर सत्यापन चरण: 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक
  • मसौदा मतदाता सूची प्रकाशन: 9 दिसंबर 2025
  • दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने की अवधि: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
  • नोटिस, सुनवाई और सत्यापन: 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
  • अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन: 7 फरवरी 2026

राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी

इस बैठक में राज्य के प्रमुख राजनीतिक दलों ने भाग लिया- भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), बहुजन समाज पार्टी (BSP), आम आदमी पार्टी (AAP), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (CPI-M), और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)।

सीईओ यशवंत कुमार ने इन दलों से आग्रह किया कि वे अपने बीएलए के माध्यम से पुनरीक्षण कार्य में पूर्ण सहयोग दें ताकि पात्र मतदाताओं को जोड़ा जा सके और मृत या स्थानांतरित नाम हटाए जा सकें।

पारदर्शी और सटीक मतदाता सूची की दिशा में बड़ा कदम

सीईओ ने कहा कि यह अभियान लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा। राजनीतिक दलों, बीएलओ और प्रशासन के सामूहिक प्रयास से मतदाता सूची अधिक सटीक, पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी।