सार

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची के बाद पार्टी में भारी बगावत देखने को मिल रही है। कई वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों और विधायकों ने टिकट काटे जाने के बाद इस्तीफा दे दिया है।

Haryana BJP big jolt: सिर मुंडाते ही ओले पड़े...यह कहावत भारतीय जनता पार्टी पर हरियाणा इलेक्शन (Haryana Assembly Election 2024) में टिकट बंटवारे को लेकर सटीक बैठ रही। भाजपा ने बुधवार को 67 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की। लिस्ट सामने आते ही राज्य ईकाई में बवाल मच गया। नाराज सीनियर नेताओं के इस्तीफों का दौर शुरू हो चुका है। इस्तीफा देने वालों में मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। मौजूं सवाल यह कि बीजेपी आखिर इतनी बड़ी बगावत से कैसे निपटेगी?

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। 5 अक्टूबर को यहां चुनाव होने हैं और 8 अक्टूबर को परिणाम आएंगे। बिश्नोई वोटर्स के त्योहार को देखते हुए चुनाव आयोग ने पूर्व घोषित वोटिंग डेट को चेंज करते हुए इसे 1 अक्टूबर की बजाय 5 अक्टूबर कर दिया था।

67 कैंडिडेट्स की लिस्ट आते ही बगावत

भारतीय जनता पार्टी ने 67 कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित कईयों की सीट को बदल दी गई है। 9 विधायकों का टिकट काट दिया गया है। टिकट कटने वालों में रनिया से कैबिनेट मंत्री व राज्य के सबसे ताकतवर राजनेताओं में शुमार रहे चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला, सोहना से राज्यमंत्री संजय सिंह, पलवल विधायक दीपक मंगला, फरीदाबाद के नरेंद्र गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, बवानी खेड़ा से विशंभर वाल्मीकी, अटेली से सीताराम यादव, पेहवा से पूर्व मंत्री संदीप सिंह, रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा का टिकट काट दिया गया है। कांग्रेस आकर बीजेपी सांसद बने नवीन जिंदल को भी झटका लगा है। जिंदल की मां सावित्री जिंदल का टिकट काट दिया गया है।

किसने-किसने कर दी बगावत?

रणजीत चौटाला: पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पुत्र रणजीत चौटाला ने टिकट कटने के बाद बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। वह रनिया से लगातार विधायक रहे हैं। वर्तमान सरकार में जेल और उर्जा मंत्री थे।

लक्ष्मणदास नापा: रतिया से विधायक लक्ष्मणदास नापा ने भी नाराज होकर बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया है। यहां से बीजेपी ने पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल पर दांव लगाया है।

सावित्री जिंदल: कांग्रेस से लोकसभा चुनाव में बीजेपी में आए सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल को भी प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। बीजेपी से बगावत कर सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

आदित्य चौटाला: चौधरी देवी लाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के सुपुत्र आदित्य चौटाला ने भी बगावत कर दिया है। पूर्व उप प्रधानमंत्री के नाती आदित्य चौटाला हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन थे। वह 2019 में डबवाली विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

कविता जैन: पूर्व मंत्री कविता जैन ने भी सोनीपत से टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर शीर्ष नेतृत्व पर धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने 8 सितंबर को फैसला लेने का ऐलान किया है।

बचन सिंह आर्य: पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य भी टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी है।

बिशंम्बर वाल्मीकी: पूर्व मंत्री बिशम्बर वाल्मीकी ने भी टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी छोड़ दी है।

करणदेव कंबोज: बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री करणदेव कंबोज इंद्री विधानसभा सीट से टिकट कटने पर पद से इस्तीफा दे दिया है।

सुखविंदर मंडी: बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मंडी ने टिकट न मिलने से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया है।

पं.जीएल शर्मा: बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा ने भी नाराजगी जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है।

बीजेपी संगठन के इन नेताओं ने भी दिया इस्तीफा

विकास उर्फ बल्ले: दादरी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ बिल्ले ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है।

अमित जैन: बीजेपी यूथ विंग के राज्य कार्यकारिणी सदस्य व सोनीपत विधानसभा प्रभारी अमित जैन ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

आशु खेरा: पानीपत बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष आशु खेरा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह टिकट कटने से नाराज हैं।

इंदु वैलेजा: भाजपा की जिला उपाध्यक्ष इंदु वैलेचा ने अपने्र पूर्व काउंसलर पति संजीव वैलेजा के साथ इस्तीफा दे दिया है।

इनका भी हुआ इस्तीफा

बीजेपी के उकलाना सीट से टिकट मांग रहे समशेर गिल, हिसार से टिकट मांग रहे दर्शन गिरी महराज, तरुण जैन, सीनियर लीडर सीमा गैबिपुर, रेवाड़ी से टिकट मांग रहे डॉ.सतीश खोला और गुड़गांव से टिकट मांग रहे नवीन गोयल ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। रेवाड़ी से टिकट मांग रहे प्रशांत सनी यादव ने भी इस्तीफा देकर निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

बीजेपी जुटी डैमेज कंट्रोल में?

टिकट घोषित होते ही बीजेपी में बगावत का स्वर तेज हो गया। इस्तीफों की झड़ी लग गई। लेकिन इन सबसे निपटने के लिए पार्टी ने डैमेज कंट्रोल की रणनीति बनाई है। बगावत करने वाले नेताओं का सीनियर लीडर्स से बात करा रहे हैं। बागी नेताओं को उनकी कैटेगरी के मुताबिक राष्ट्रीय से लेकर राज्य स्तरीय नेताओं से बात कराकर मनाने की कोशिशें शुरू की जा रही हैं। इनमें से किसी को सरकार बनने के बाद समायोजित करने तो किसी को संगठन में पद देने का भी आश्वासन दिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो सीटिंग विधायकों के टिकट एंटी-इन्कंबेंसी के आधार पर काटे गए हैं तो कुछ टिकटों को समीकरणों के आधार पर दिए गए हैं।

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